
Kamini Kaushal Passes Away: हिंदीसिनेमा की सबसे उम्रदराज और सम्मानित अभिनेत्री कामिनी कौशल ने आज 98साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके परिवार के एक करीबी सदस्य ने इस दुखद खबर की पुष्टि की है, साथ ही मीडिया से निजता बनाए रखने की अपील की गई है। कामिनी कौशल लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रही थीं, और उनका निधन मुंबई स्थित उनके आवास पर हुआ।
कौन थी कामिनी कौशल?
बता दें, कामिनी कौशल का जन्म 24फरवरी 1927को लाहौर में हुआ था। वे बॉटेनिस्ट शिव राम कश्यप की बेटी थीं और बचपन में ही पिता का साया उठ गया था। उन्होंने लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक किया। 1948में उन्होंने अपने जीजा ब्रह्म एस. सूद से शादी की, जो उनकी बहन की मृत्यु के बाद हुई। दंपति के तीन बेटे राहुल, विदुर और श्रवण हैं। कामिनी कौशल ने शादी के बाद भी फिल्मों में काम जारी रखा और परिवार के साथ संतुलन बनाए रखा।
कामिनी कौशल का फिल्मी सफर
उनकी फिल्मी सफर की शुरुआत 1946में 'नीचा नगर' से हुई, जो कान फिल्म फेस्टिवल में पाल्म डी'ओर जीतने वाली पहली भारतीय फिल्म थी। 1940-50के दशक में वे मुख्य नायिका के रूप में छाई रहीं, और 'दो भाई', 'शहीद', 'जिद्दी', 'शबनम', 'आरजू' जैसी फिल्मों से लोकप्रियता हासिल की। 1956में 'बिराज बहू' के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। 1960के दशक से वे चरित्र भूमिकाओं में आईं और 'उपकार', 'दो रास्ते', 'प्रेम नगर' जैसी हिट फिल्मों में यादगार किरदार निभाए। हाल के वर्षों में उन्होंने 'चेन्नई एक्सप्रेस' (2013), 'कबीर सिंह' (2019) और 'लाल सिंह चड्ढा' (2022) में कैमियो भूमिकाएं कीं, जिनमें से 'कबीर सिंह' के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का स्क्रीन अवॉर्ड मिला।
कामिनी कौशल ने फिल्मों के अलावा टेलीविजन पर भी काम किया, जिसमें 'दूरदर्शन' की कठपुतली सीरीज और 'शन्नो की शादी' जैसे धारावाहिक शामिल हैं। उन्होंने कुछ फिल्मों का निर्माण भी किया और बच्चों की कहानियां लिखीं। उनके करियर ने सात दशकों तक फैला, और वे धर्मेंद्र की पहली को-स्टार भी रहीं।
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