फिल्मों में दृढ़ विश्वास और...करण जौहर ने बताई फिल्म फ्लॉप होने की असली वजह!

फिल्मों में दृढ़ विश्वास और...करण जौहर ने बताई फिल्म फ्लॉप होने की असली वजह!

नई दिल्ली:करण जौहर ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी अच्छी पहचान बनाई हुई हैं। करण जौहर का बॉलीवुड के बड़े फिल्ममेकर्स में नाम शामिल हैं। वहीं अपने बयानों को लेकर काफी चर्चा में भी बने रहते हैं। ऐसे में एक और बयान सामने आया हैं जिसमें करण ने बॉलीवुड की फिल्में फ्लॉप क्यों हो रही हैं उसका कारण बताया हैं। दरअसल कुछ महीनों से फिल्म के लिए बॉयकॉट का हैजटैग शुरू हो जाता हैं जिसके बाद फिल्म काफी हद तक फ्लॉप हो जाती हैं, हालांकि कई फिल्मों की रिलीज तारीख को भी बढ़ा दिया जाता हैं ताकि उनकी मेहनत खराब ना जाएं, लेकिन कुछ महीनों से बॉलीवुड की ज्यादातर फिल्में फ्लॉप हो गई जिससे कई मेकर्स पर कर्जा भी हो गया हैं। ऐसे में फिल्ममेकर करण जौहर ने इसका कारण बताया हैं।   

करण जौहर ने बताया कि बॉलीवुड में चीजों को आजमाने के लिए रीढ़ की हड्डी नहीं है और ना ही दृढ़ निश्चय का भाव है। ये इंडस्ट्री कई बार ट्रेंड्स और फायदे की गाड़ी पर सवार हो जाती है।बॉम्बे और दिल्ली से लगभग 60 से 70 प्रतिशत दर्शक फिल्म देखने के लिए जाते हैं जिनसे फिल्म के बिजनेस पर फर्क पड़ता है, लेकिन अब उन्होंने अलग तरह से व्यवहार करना शुरू कर दिया है। वो जैसे पैनडेमिक के पहले फिल्म देखने चले जाते थे अब ऐसा नहीं है।

करण जौहर ने बताया कि अब फिल्में कमा नहीं रही हैं और न ही आने वाले समय में कमाने वाली हैं, क्योंकि पहले जो फिल्में 70 करोड़ कमा लेती थीं अब वही फिल्मों का बिजनेस घटकर 30 करोड़ हो गया है। अब आपको 30 करोड़ को ही, 70 करोड़ मानना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आगे आने वाले समय में उन्हें नहीं लगता कि ये आंकड़े बदलने वाले हैं। पूरे हिंदी सिनेमा में एक बहुत बड़ी समस्या है कि हमारे अंदर कहानी को लेकर दृढ विश्वास और आस्था नहीं है। 

हमारे पास सलीम-जावेद के रूप में असल आवाज थी, जो सिनेमा में जीवंत किरदार को उतारते थे। 70 के दशक तक सलीम-जावेद ने असल कहानियों और किरदार को संभाल कर रखा था। तब एंग्री हीरो सिनेमा में देखा जाने लगा था, फिर 80 के दशक में कुछ हुआ और हमने फिल्मों का रीमेक बनाना शुरू कर दिया। वहीं से दृढ़ निश्चय खोना शुरू हो गया था। हमने हर तमिल और तेलुगू फिल्म का रीमेक बनाना शुरू कर दिया था।

फिल्ममेकर ने कहा कि 2001 में फिल्म लगान के बाद सभी उसी तरह की फिल्में बनाने लगे, फिर 2010 में जब दबंग फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट हुई तो हमें लगा कि कमर्शियल फिल्मों का दौर आ गया है और सबने फिर से कमर्शियल फिल्में बनाना शुरू कर दिया। यही दिक्कत है और ये बात मैं अपने लिए भी कह रहा हूं कि हमारे अंदर रीढ़ की हड्डी और दृढ़ निश्चय नहीं है। यही चीजें हैं जो हमें दूसरी इंडस्ट्री से लेने की जरूरत है।

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