Dollar VS Rupees: डॉलर के मुकाबले 90 तक लुढ़का रुपया, जान लीजिए क्या-क्यों होंगे नुकसान

Dollar VS Rupees: डॉलर के मुकाबले 90 तक लुढ़का रुपया, जान लीजिए क्या-क्यों होंगे नुकसान

Rupee Depreciation: भारतीय करेंसी रुपया में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है। रुपया में गिरावट रुकने का नाम नहीं ले रही है। हर रोज गिरने का नया रिकॉर्ड बनाते हुए बुधवार यानी 3 दिसंबर को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 90 के नीचे आ गया। जो इसका रिकॉर्ड लो-लेवल है। रिपोर्ट के अनुसार बैंकों के इंपोर्टस की तरफ से लगातार डॉलर खरीदने की वजह से रुपया 90 प्रति डॉलर के निचले स्तर पर आ गया है।

सबसे पहले बात करते हैं रुपए के ताजा हाल के बार में, तो बता दें कि बुधवार यानी 3 दिसंबर को भारतीय रुपए 89.97 के स्तर पर खुला और फिर अचानक कुछ ही देर में ये फिसलकर 90 प्रति डॉलर के नीचे आ गया। भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील में देरी भारतीय करेंसी में तेज गिरावट का मुख्य कारण बन रही है।

क्या कहना है एक्सपर्ट्स का

रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेट सेक्टर बैंक के डीलर ने कहा कि भले ही हर कोई रुपए के 90 प्रति डॉलर होने की बात कर रहा था लेकिन लोगों को उम्मीद नहीं थी इतनी आसानी से हो जाएगा। डीलर का कहना है कि कोई नहीं बता सकता कि हम यहां से कहां तक जाएंगे। कुछ डीलरों का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय करेंसी में नुकसान को कम करने के लिए डॉलर बेचे होंगे।

इकोनॉमी के लिए शुभ संकेत नहीं

गौरतलब है कि जब किसी देश की करेंसी तेजी से टूटती है, तो किसी भी देश की अर्यव्यवस्था के लिए ठीक नहीं माना जाता है। ऐसे में रुपया में गिरावट पर ब्रेक लगाने के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए। इसके तमाम तरह के नुकसान देखने को मिलते हैं। जिनमें महंगाई बढ़ने का जोखिम सबसे आगे हैं। इसे सीधे शब्दों में तो डॉलर के मुकाबले रुपए के लगातार कमजोर होने का असर पेट्रोलियम पदार्थ पर दिखाई देता है। दरअसल, भारत जरूरत का ज्यादातर कच्चा तेल तेल आयात करता है। रिपोर्ट्स की माने तो देश में जरूरत का 80 फीसदी तेज इंपोर्ट किया जाता है।

 

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