Veer Bal Diwas: पीएम मोदी ने वीर बाल दिवस पर साहिबजादों को किया नमन, भारत मंडपम में भावुक संबोधन

Veer Bal Diwas: पीएम मोदी ने वीर बाल दिवस पर साहिबजादों को किया नमन, भारत मंडपम में भावुक संबोधन

Veer Bal Diwasप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में 'वीर बाल दिवस' के मौके पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में हिस्सा लिया। साथ ही उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज हम उन वीर साहिबज़ादों को याद कर रहे हैं जो हमारे भारत का गौरव है। जो भारत के अदम्य साहस, शौर्य, वीरता की पराकाष्ठा है। वो वीर साहिबज़ादे जिन्होंने उम्र और अवस्था की सीमाओं को तोड़ दिया। जो क्रूर मुगल सल्तनत के सामने ऐसे चट्टान के सामने खड़े हुए कि मज़हबी कट्टरता और आतंक का वजूद ही हिल गया। जिस राष्ट्र के पास ऐसा गौरवशाली अतीत हो, जिसकी युवा पीढ़ी को ऐसी प्रेरणाएं विरासत में मिली हों वो राष्ट्र क्या कुछ नहीं कर सकता।

पीएम मोदी ने कहा कि "जब भी 26 दिसंबर का ये दिन आता है तो मुझे ये तसल्ली होती है कि हमारी सरकार ने साहिबज़ादों की वीरता से प्रेरित, वीर बाल दिवस मनाना शुरू किया। बीते चार वर्षों में वीर बाल दिवस की नई परंपरा ने साहिबज़ादों की प्रेरणाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाया है। वीर बाल दिवस ने साहसी और प्रतिभावान युवाओं के निर्माण के लिए एक मंच भी तैयार किया है। हर साल जो बच्चे अलग-अलग क्षेत्रों में देश के लिए कुछ कर दिखाते हैं उन्हें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इस बार भी देश के अलग-अलग हिस्सों से आए 20 बच्चों को ये पुरस्कार दिए गए हैं।

वीर बाल दिवस का ये दिन भावना और श्रद्धा से भरा दिन है- पीएम मोदी

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि "वीर बाल दिवस का ये दिन भावना, "वीर बाल दिवस का ये दिन भावना और श्रद्धा से भरा दिन है। साहिबज़ादा अजीत सिंह, साहिबजादा जुझार सिंह, साहिबजादा जोरावर सिंह, और साहिबजादा फतेह सिंह छोटी सी उम्र में, इन्हें उस समय की सबसे बड़ी सत्ता से टकराना पड़ा। वो लड़ाई भारत के मूल विचारों और मज़हबी कट्टरता के  बीच थी। वो लड़ाई सत्य बनाम असत्य की थी। उस लड़ाई के एक और दशम गुरु श्री गुरुगोविंद सिंह जी थे, दूसरी ओर क्रूर औरंगजेब की हुकूमत थी। हमारे साहिबज़ादे उस समय उम्र में छोटे ही थे लेकिन औरंगजेब को, उसकी क्रूरता को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। लेकिन औरंगजेब और उसके सीपा सालार भूल गए थे कि हमारे गुरु कोई साधारण मनुष्य नहीं हैं। वे तप, त्याग का साक्षात अवतार थे। वीर साहिबज़ादों को वही विरासत उनसे मिली थी इसलिए भले ही पूरी मुगलिया बाद्शाहत पीछे लग गई लेकिन वे चारों में से एक भी साहिबज़ादे को डिगा नहीं पाए।

पुरानी व्यवस्थाओं में ये माहौल बन गया था कि कुछ अच्छा हो ही नहीं सकता- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "पुरानी व्यवस्थाओं में ये माहौल बन गया था कि कुछ अच्छा हो ही नहीं सकता। चारो तरफ निराशा का वातावरण बना दिया गया था। लोगों को यहां तक लगने लगा कि मेहनत करके क्या फायदा है? लेकिन आज देश प्रतिभा को खोजता है, उन्हें मंच देता है, उनके सपनों के साथ 140 करोड़ देशवासियों की ताकत लग जाती है। डिजिटल इंडिया की सफलता के कारण आपके पास इंटरनेट की ताकत है, आपके पास सीखने की संसाधन है। जो साइंस, टेक या स्टार्टअप्स में आगे जाना चाहते हैं तो उनके लिए स्टार्टअप इंडिया मिशन है। ऐसे तमाम मंच आपको आगे बढ़ाने के लिए हैं। आपको बस फोकस रहना है और इसके लिए जरूरी है कि आप शॉर्ट टर्म पॉपुलैरिटी की चमक-धमक में न फंसे। आपको अपनी सफलता को केवल अपने तक सीमित नहीं मानना है। आपका लक्ष्य होना चाहिए, आपकी सफलता देश की सफलता बननी चाहिए।

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