दिल्ली IGI एयरपोर्ट के पर जल्द लागू होगा ILS CAT-I, DGCA के फैसला के क्या होंगे फायदे?

दिल्ली IGI एयरपोर्ट के पर जल्द लागू होगा ILS CAT-I, DGCA के फैसला के क्या होंगे फायदे?

IGI Airport News: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI Airport) पर विमानों को हाल में जीपीएस स्पूफिंग की समस्या का सामना करना पड़ा था, जिसके चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। इस स्थिति को देखते हुए अब नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) दिल्ली एयरपोर्ट के मुख्य रनवे 10/28 के द्वारका की तरफ रनवे 10 पर ILS कैटेगरी-1 (CAT-I) लैंडिंग सिस्टम को जल्द लागू करने की तैयारी की जा रही है। जानकरी के अनुसार, पहले ये सिस्टम 27 नवंबर, 2025  से लागू होना था, लेकिन अब इसे इसी सप्ताह ही शुरू की जाएगी।
 
कब शुरू होगी ILS कैटेगरी लैडिंग
 
DGCA की ओर से कहा ये गया कि पहले ये 27 नवंबर से लागू किया जाना था, लेकिन अब हम इसे पहले लागू करना चाहते हैं। संभावना है कि 10 या 11 नवंबर तक रनवे 10 पर ILS कैटेगरी-1 लैंडिंग सिस्टम चालू कर दिया जा सकता है। इंडिगो ने हाल ही में इस रनवे पर नई लाइटिंग और लैंडिंग सिस्टम की ट्रायल फ्लाइट की थी और उसकी रिपोर्ट डीजीसीए को दी गई थी। रिपोर्ट सही पाई गई, इसलिए सिस्टम को जल्दी लागू करने का फैसला किया गया है।
 
बैठक में जारी हुए ये निर्देश
 
जानकारी के अनुसार, दिल्ली एयरपोर्ट से 60 समुद्री मील दूर तक जीपीएस स्पूफिंग के मामले सामने आने के बाद एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी। इस बैठक में ऐसे मामलों से जल्द निपटने और मूल कारण पता लगाने के निर्देश दिए गए। आम तौर पर विमान ILS सिस्टम की मदद से उतरते हैं। अगर ILS उपलब्ध न हो तो वे रिक्वायर्ड नेवीगेशन परफॉरमेंस (RNP) सिस्टम से लैंड करते हैं, जो जमीन के उपकरणों पर निर्भर नहीं होता, लेकिन आरएनपी के लिए जीपीएस का ठीक काम करना जरूरी है।
 
CAT-I ILS लागू होने के फायदे
 
रनवे 10 पर ILS कैटेगरी-1 के शुरू होने से विमान एक साथ GPS स्पूफिंग और पूर्वी हवा चलने पर की स्थिति भी लैंड कर सकेंगे। रनवे 10/28 के दोनों छोर पर CAT-III सिस्टम दिसंबर के मध्य तक पूरी तरह चालू होने की उम्मीद है, ताकि कोहरे के शुरूआता से पहले सारी तैयारी की जा सके। एयरलाइन्स ने पायलटों को GPS स्पूफिंग के खतरे के बारे में पहले ही जानकारी दे दी गई है। उन्हें निर्देश दिया गया हैं कि ऐसी स्थिति में वे तुरंत वैकल्पिक नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल करें, ताकि उड़ान सुरक्षित रूप से संचालित किया जा सके। 

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