धार्मिक आयोजन जीवन में धर्म, भक्ति और ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता

धार्मिक आयोजन जीवन में धर्म, भक्ति और ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता

नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता आज कई धार्मिक आयोजनों में शामिल हुई। वहां उन्होंने भक्तिभाव का परिचय तो दिया ही साथ दिल्ली के नागरिकों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री का कहना था कि इस देश में सनातन की परंपरा आवश्यक है, साथ में विकास और प्रगति भी जरूरी है। मुख्यमंत्री का कहना था कि ऐसे आयोजन मानसिक शांति तो प्रदान ही करते है साथ ही धार्मिक सद्भाव को भी बल मिलता है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जिन प्रमुख कार्यक्रमों में शामिल हुईं, उनमें जन्माष्टमी पार्क, पंजाबी बाग में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ समारोह एवं कलश यात्रा, शालीमार बाग में तुलसी विवाह समारोह, पीतमपुरा में श्याम बाबा का जन्मोत्सव, एकादशी उद्यापन आदि कार्यक्रम शामिल हैं। इन कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री के साथ अनेकों श्रद्धालुओं ने भागीदारी की और आ्रत्मीयता से इन समारोह में भक्तिभाव का परिचय दिया। इन कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री ने दिल्ली के नागरिकों नागरिकों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ समारोह में मुख्यमंत्री ने श्रद्धापूर्वक गुरुजी के आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर कलश यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में कलश धारण कर भक्ति-भाव से यात्रा निकाली, जिसमें पूरे वातावरण में “हरे राम, हरे कृष्ण” के जयघोष और भक्ति के स्वर गूंजते रहे।

तुलसी विवाह के कार्यक्रम मे शामिल होकर मुख्यमंत्री ने दिल्लीवासियों को इस पावन पर्व पर शुभकामनाएं दी और कहा कि माता तुलसी और भगवान शालिग्राम की कृपा से प्रत्येक घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास हो। उन्होंने कामना की कि सभी नागरिकों का जीवन आरोग्यता के आशीर्वाद और मंगल के आलोक से सदा आलोकित रहे। तुलसी विवाह कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि भक्ति, श्रद्धा और परंपरा से ओतप्रोत यह आयोजन नारी शक्ति की आस्था, परिवार के संस्कार और समाज की एकता का सुंदर प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस प्रकार के आयोजन केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि जीवन को धर्म, भक्ति और ज्ञान के प्रकाश से आलोकित करने का माध्यम है। यह हमें सत्य, सेवा और समर्पण के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन मानव जीवन को आंतरिक शांति और नैतिकता के मूल्यों से जोड़ते हैं। मुख्यमंत्री के अनुसार जब मनुष्य ईश्वर के प्रति श्रद्धा और सत्कर्म के प्रति दृढ़ विश्वास रखता है, तब उसका जीवन केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के कल्याण का साधन बन जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन समाज में एकता, सद्भाव और आध्यात्मिक चेतना को सुदृढ़ करते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की पहचान केवल विकास और प्रगति से नहीं, बल्कि उसकी गहराई में बसे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों से भी होती है। उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे भक्ति और सदाचार के इस पथ पर चलते हुए समाज में प्रेम, सेवा और समर्पण की भावना को आगे बढ़ाएं।

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