
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते दुनिया भर की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है और सभी देश ने इस समस्या से निपटने के लिए कई तरीके अपनाए है। इस कड़ी में जापान ने एक अनोखा तरीका अपनाते हुए अपने युवाओं से जादा शराब पीने की अपील कर रहा है। यह सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और कोविड महामारी से उत्पन्न एक गंभीर संकट को दूर करने का एक प्रयास है।राष्ट्रीय कर एजेंसी (NTA) ने "सेक चिरायु!" नामक एक राष्ट्रीय व्यापार प्रतियोगिता की घोषणा की है। अपनी युवा आबादी में शराब पीने को बढ़ावा देना है।
आपको बता दे कि, जापान में वर्तमान पीढ़ी अपने माता-पिता, बुजुर्ग या पूर्वजों के मुकाबले कम शराब पी रहे हैं। इससे शराब से मिलने वाला टैक्स घट गया है। राजस्व में कटौती हुई तो जापान सरकार को भविष्य को लेकर चिंताएं सताने लगी हैं। सरकार ने अपने यहां के नागरिकों को शराब पिलाने के लिए बिजनेस आइडिया मांगा है। सरकार ने यह आइडिया नेशनल कंपटीशन के जरिए मांगा है। इस कंपटीशन में पुरस्कार की योजना भी रखी गई है। सरकार का मानना है कि युवा पीढ़ी के अधिक शराब पीने से जापान की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। कंपटीशन में प्रतिभागियों को अधिक शराब खपत, आकर्षक ब्रांडिंग और उद्योगों को बढ़ावा देने का मुख्य आइडिया देना होगा।
जापानी मीडिया ने यह कहा
जापानी मीडिया का कहना है, ‘स्वास्थ्य बिगाड़ने वाली शराब पीने की आदत के बारे में कुछ आलोचनाओं के साथ मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली हैं। कुछ लोगों ने अपने विचारों को सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया है।‘ इच्छुक युवा वर्ग सितंबर अंत तक इसमे प्रतिभाग कर सकता है। नवंबर में अंतिम प्रस्ताव पेश किये जाने से पहले विशेषज्ञों से सलाह ली जाएगी। इसके बाद अधिक शराब खपत की योजना को विकसित किया जाएगा।
‘एक चौथाई कम हुई शराब की खपत’
युवाओं को अधिक शराब पिलाने वाले अभियान के लिए एक वेबसाइट भी है। जिसका कहना है कि जापान का शराब बाजार सिकुड़ रहा है। टैक्स एजेंसी के हालिया आंकड़े बताते हैं कि लोग 1995 की तुलना में 2020 में कम शराब पी रहे थे। शराब की अनुमानित खपत एक चौथाई कम हो गई है। द जापान टाइम्स अखबार के मुताबिक शराब टैक्स 1980 में कुल राजस्व का 5 प्रतिशत एकत्रित हुआ। जबकि 2020 में यह आंकड़ा केवल 1.7 फीसदी था।
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