
नई दिल्ली: देश दुनिया में कोरोना ने एक बार फिर से कोहराम मचाना शुरू कर दिया है। बीते साल कोरोना से दुनिया का क्या हाल हुआ था ये किसी से छिपा नहीं है, लेकिन जहां से कोरोना ने जन्म लिया अब वहीं पर कोरोना ने एक बार फिर दहशत मचाना शुरू कर दिया है। चीन में कोरोना फिर से ताबाही मचा रहा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि 27 शहरों में लॉकडाउन लगाना पड़ा और लॉकडाउन के दौरान सख्ती इतनी कर दी गई है कि 16.5 करोड़ लोग घरों में कैद रहने के लिए मजबूर हैं।
जानाकारी के अनुसार जो लोग भोजन के सामग्री इकट्ठा नहीं कर पा रहे है। उन्हें काफी मुश्किल से भोजन मिल रहा है। कहीं-कहीं तो लोगों को 24 घंटों तक खाना नहीं मिल रहा है। वहीं महामारी के दौरान, चीन का राष्ट्रपति अपनी जीरो कोविड पॉलिसी पर अड़े हुए है। इसके तहत वायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन, मास्क टेस्टिंग, होम क्वारंटीन, सीमाएं बंद करने, लोगों को घर से बाहर निकलने पर मनाही, बाहर निकलने पर भारी जुर्माना और जेल जैसे कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। इतनी सख्ताई के बावजूद कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है। इन कठोर प्रतिबंधों के कारण लोग भूख से मरने को मजबूर हैं।
इस साल की शुरूआत होते ही लोगों के चेहरे पर थोड़ी खुशी आनी शुरू ही हुई थी, लेकिन मार्च महीने में अचानक चीन में मामले बढ़ने लगे, और देखते-देखते कोरोना ने रफ्तार पकड़ ली। ताइवान में बीते 24 घंटों में पहली बार कोरोना के 10 हजार से अधिक मामले सामने आए। बताया जा रहा है कि ताइवान की सरकार ने हाल ही में अपनी जीरो-कोविड पॉलिसी को हटाने का फैसला किया था। लेकिन अब यह भारी साबित हो रहा है। ताइवान ने एक बार फिर से बड़े पैमाने पर अपनी सीमाओं को बंद कर दिया है और संक्रमण की संख्या को कम रखने के लिए महामारी के दौरान सख्त क्वारंटीन नियमों को लागू किया है।
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