
नई दिल्ली: चीन और पाकिस्तान में आर्थिक गलियारा यानी की सीपीईसी प्रोजेक्ट को लेकर पीछले 18 दिनों से प्रदर्शन जारी है। वहीं जहां इस प्रदर्शन को लेकर चीन ने अपनी सफाई दी है, जिसमें कहा गया है कि ग्वादर शहर में हो रहे विरोध प्रदर्शन का संबंध सीपीईसी से नहीं है। वहीं दूसरी ओर चीन के तरफ से ये बयान तब आया जब पड़ोसी मुलक पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन के बीच काम रहे सौकड़ों चीनी कामगारों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही है। इसके अलावा सोमवार को भी इस विरोध प्रदर्शन में 100 से ज्यादा बच्चों ने हिस्सा लिया।
प्रदर्शनकारियों ने दिया अल्टीमेटम
विरोध कर रहे लोगों की मांग है कि ग्वादर में हो रहे अवैध ट्रालिंग (जाल से मछली पकड़ना) पर जल्द से जल्द प्रतिबंध लगे. प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग एक सप्ताह के अंदर नहीं मानी गई तो वो चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) को रोक देंगे।
चीन ने कही ये बात
वहीं चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने सफाई देते हुए कहा है कि यह सभी खबरें बेबुनियाद है। इसके अलावा उनका कहना है कि प्रदर्शनकारियों का विरोध प्रदर्शन चीन या उसके सीपीईसी प्रोजेक्ट से कोई लेना-देना नहीं है। चीन ने इस बात से भी इनकार कर दिया है कि सीपीईसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चीनी कामगारों को सुरक्षा के लिए बुलेट प्रुफ जैकट प्रदान की गई है। माओ ने कहा कि हमें इस बात की जानकारी नहीं है, लेकिन दोनों देश इस प्रोजेक्ट के निर्माण में चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए एक दूसरे को सहयोग के लिए तत्पर है।
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