जिस दिन बाजार में आनी थी रफ्तार उसी दिन ट्रंप ने लगाई ब्रेक, जानें क्यों हुआ 11 लाख करोड़ का नुकसान?

जिस दिन बाजार में आनी थी रफ्तार उसी दिन ट्रंप ने लगाई ब्रेक, जानें क्यों हुआ 11 लाख करोड़ का नुकसान?

Stock Market: सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। जहां एक ओर रुपए में मजबूती, तेल की कीमतों में गिरावट और महंगाई में नियंत्रण जैसे कई पॉजिटिव संकेत थे, वहीं दूसरी ओर बाजार में 1.5% तक की गिरावट ने निवेशकों को हैरान कर दिया।

बीएसई सेंसेक्स 930 अंक टूटकर 75,364.69 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 345 अंक गिरकर 22,904.45 पर आ गया। इस गिरावट से निवेशकों को करीब 9.78 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

निवेशकों को भारी नुकसान

बीएसई का कुल मार्केट कैप जहां एक दिन पहले ₹4,13,33,265.92 करोड़ था, वो गिरकर ₹4,03,55,154.37 करोड़ पर पहुंच गया। यानी कुल ₹9,78,111.55 करोड़ की पूंजी बाजार से उड़ गई। एक समय पर यह आंकड़ा ₹11 लाख करोड़ से भी ऊपर था।

बड़ी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट

शुक्रवार को कई हैवीवेट शेयरों में जोरदार गिरावट दर्ज की गई।

- टाटा स्टील में 8.59%, टाटा मोटर्स में 6.15%,

- अडानी पोर्ट्स और एलएंडटी में 4% से ज्यादा की गिरावट आई।

वहीं, आईटी और फार्मा सेक्टर भी दबाव में रहे, जबकि रिलायंस, NTPC और Infosys जैसे शेयरों में भी 2.5% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई।हालांकि, बजाज फाइनेंस और HDFC बैंक के शेयरों में 1.5% की तेजी देखने को मिली, जिससे थोड़ी राहत मिली। नेस्ले इंडिया, ICICI बैंक, एशियन पेंट्स और ITC भी हरे निशान में बंद हुए।

वो 5 पॉजिटिव संकेत, जिनसे बाजार में तेजी आ सकती थी

बाजार में गिरावट ऐसे समय आई जब कई पॉजिटिव फैक्टर्स मौजूद थे:

- रुपया दिनभर मजबूती के साथ ट्रेड कर रहा था।

- ब्रेंट क्रूड की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई थीं।

- महंगाई दर मार्च में 4% के आसपास रहने की संभावना जताई जा रही है।

- रेपो रेट में 0.25% की कटौती की उम्मीद है, जिससे लोन सस्ते हो सकते हैं।

- टैरिफ का असर भारत पर सीमित रहने की संभावना जताई गई है।

पॉजिटिव संकेतों के बावजूद बाजार क्यों टूटा?

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के शेयर बाजार में इस गिरावट की बड़ी वजह अमेरिकी शेयर बाजारों में आई तेज गिरावट है। अमेरिकी टैरिफ की घोषणा के बाद वहां महंगाई बढ़ने और मंदी आने की आशंका तेज हो गई है। डाव जोंस में 4%, S&P 500में 5%और नैस्डैक में 6%तक की गिरावट दर्ज की गई।

इसका सीधा असर भारत के बाजार पर भी पड़ा, जहां सेंसेक्स और निफ्टी दोनों करीब 1.5% तक गिर गए। इससे निवेशकों को कुल मिलाकर 11 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान झेलना पड़ा।

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