
Gold-Silver Price Hike: 27दिसंबर को कीमती धातुओं के बाजार में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। चांदी ने एक दिन में भारी तेजी दर्ज की, जहां कुछ रिपोर्टों में प्रति किलोग्राम 19,000से 2लाख 42हजार रुपये तक की छलांग देखी गई, जबकि हाल के दिनों में साप्ताहिक बढ़ोतरी 21,000रुपये तक पहुंच चुकी है। कुछ स्रोतों के अनुसार, चांदी का भाव 2,40,000से 2,51,000रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया, जो पिछले कुछ दिनों की तुलना में भारी उछाल दर्शाता है। सोना भी नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचकर 1,40,000से 1,42,000रुपये प्रति 10ग्राम के आसपास कारोबार कर रहा है। यह तेजी न सिर्फ भारत बल्कि वैश्विक बाजारों में देखी जा रही है, जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिल्वर $77-79प्रति औंस के नए रिकॉर्ड बना रहा है।
चांदी की कीमतों में भारी उछाल
हाल के दिनों में चांदी ने निवेशकों को चौंका दिया है। 26दिसंबर को ही चांदी का भाव 6,000-9,000रुपये तक बढ़ा, और साप्ताहिक आधार पर 21,000रुपये की छलांग लगी। तो वहीं, 27दिसंबर तक घरेलू बाजार में चांदी 2,40,100से 2,51,000रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। यह साल 2025में चांदी की कुल बढ़ोतरी को 150-167%तक ले जा चुका है, जो पिछले कई दशकों की सबसे बड़ी वार्षिक तेजी है।
सोना भी हुआ बेकाबू
दूसरी तरफ, सोना भी बेकाबू हो चुका है। 27दिसंबर को 24कैरेट सोना 1,40,000-1,42,300रुपये प्रति 10ग्राम के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया। जबकि 22कैरेट सोना 1,28,000-1,29,000रुपये के आसपास है। इस साल सोने में 70-80%की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन चांदी की रफ्तार इससे कहीं ज्यादा तेज रही है।
इस तेजी के पीछे क्या कारण?
वैश्विक स्तर पर बढ़ते युद्ध, वेनेजुएला पर अमेरिकी प्रतिबंध, इजराइल-ईरान तनाव, और अन्य क्षेत्रीय संघर्षों ने निवेशकों को सोने-चांदी की ओर धकेला है। US फेडरल रिजर्व ने 2025 में कई बार दरें घटाई हैं। कम ब्याज दरें गैर-उपज वाली एसेट्स (जैसे सोना-चांदी) को आकर्षक बनाती हैं। इसके अलावा चांदी की माइनिंग में कमी, सप्लाई डेफिसिट, और सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन, AI कंपोनेंट्स जैसी इंडस्ट्रीज में बढ़ती मांग ने इसे 'क्रिटिकल मिनरल' बना दिया है।
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