
Wholesale Inflation Eases: भारत में महंगाई के मोर्चे पर एक और राहत की खबर आई है। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, थोक खाद्य महंगाई दर सालाना आधार पर घटकर 2.31प्रतिशत हो गई है। यह दर दिसंबर में 2.37प्रतिशत थी। जनवरी में प्राथमिक वस्तुओं की महंगाई दर भी घटकर 4.69प्रतिशत हो गई है, जो दिसंबर में 6.02प्रतिशत थी।
बता दें कि,जनवरी में ईंधन और बिजली की थोक महंगाई दर में भी कमी आई है। दिसंबर में यह दर 3.79प्रतिशत थी, जो जनवरी में घटकर 2.78प्रतिशत हो गई है। हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है। दिसंबर में यह दर 2.14प्रतिशत थी, जो जनवरी में बढ़कर 2.51प्रतिशत हो गई है।
खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में कमी
खाद्य वस्तुओं की महंगाई में भी कमी आई है। दिसंबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 8.89प्रतिशत थी, जो जनवरी में घटकर 7.47प्रतिशत हो गई है। खासकर सब्जियों की महंगाई में बड़ी गिरावट आई है। दिसंबर में सब्जियों की महंगाई 28.65प्रतिशत थी, जो अब घटकर 8.35प्रतिशत हो गई है।
महंगे हुए ये उत्पाद
हालांकि, कुछ वस्तुओं की महंगाई बढ़ी है। अनाज की थोक महंगाई 6.82प्रतिशत से बढ़कर 7.33प्रतिशत हो गई है। दालों की महंगाई भी 5.02प्रतिशत से बढ़कर 5.08प्रतिशत हो गई है। दूध की महंगाई 2.26प्रतिशत से बढ़कर 2.69प्रतिशत हो गई है।
महंगाई के प्रमुख घटक
होलसेल महंगाई को तीन प्रमुख हिस्सों में बांटा गया है। पहला हिस्सा है "प्राइमरी आर्टिकल" (मुख्य वस्तुएं), जिसमें कृषि उत्पाद जैसे गेहूं, चावल, फल, सब्जियां और तेल के बीज शामिल हैं। इसके अलावा खनिज (जैसे सोना, कोयला) और कच्चा पेट्रोलियम भी इसी में आता है। इसका महत्त्व 22.62 प्रतिशत है, यानी यह महंगाई की कुल दर में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
दूसरा हिस्सा है "फ्यूल और पावर" (ईंधन और ऊर्जा), जिसमें पेट्रोल, डीजल, गैस और बिजली शामिल हैं। इसका हिस्सा 13.15 प्रतिशत है।तीसरा और सबसे बड़ा हिस्सा है "मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स" (निर्मित उत्पाद), जिसमें फैक्ट्रियों में बने सामान जैसे कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, निर्माण सामग्री और अन्य तैयार माल शामिल हैं। इसका हिस्सा 64.23 प्रतिशत है, जो होलसेल महंगाई में सबसे बड़ा योगदान देता है।
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