
नई दिल्ली : 16 जून को बिहार के गोपालगंज में एक पुल का उद्घाटन किया गया था. उस पुल का उद्घाटन सीएम नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया था. वहीं जहां एक तरफ बिहार में बाढ़ का कहर है और दूसरी तरफ कोरोना की मार है. यह प्रशासन की एक बहुत बड़ी नाकामी है. एक महीने पहले ही इस पुल का उद्घाटन हुआ था साथ ही इस पुल को बनाने में 264 करोड़ की लागत लगी थी.
आपको बता दें कि,बिहार के गोपालगंज में एक पुल ढ़ह गया है जो कि एक महीने पहले ही 264 करोड़ की लागत से बना था. वहीं सुशासन का दावा करने वाली नीतीश सरकार के दावों की पोल गोपालगंज में पुल का एक हिस्सा ढहने से खुल गई है. लोगों का कहना है कि, एक माह पूर्व ही इस पुल का उद्घाटन हुआ था. पानी के ज्यादा दबाव के कारण पुल टूट गया है. लोगों के आने-जाने का लिंक समाप्त हो गया है. इधर के लोगों का लालछापर, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया जाने का लिंक बंद हो गया है.
वहीं ये पुल गोपालगंज को चंपारण से और इसके साथ तिरहुत के कई जिलों को जोड़ता था. बता दें कि गोपालगंज में बुधवार को तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी का बहाव था. गंडक के इतने बड़े जलस्तर के दबाव से इस महासेतु का एप्रोच रोड टूट गया. गोपालगंज के बैकुंठपुर के फैजुल्लाहपुर में यह पुल टूटा है. बीजेपी विधायक मिथिलेश तिवारी ने इस मामले की जानकारी बिहार के पथ निर्माण विभाग के मंत्री नंदकिशोर यादव को दी है.
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