Badaun Masjid-Mandir Dispute: उत्तर प्रदेश के संभल के बाद बदायूं की जामा मस्जिद का मामला भी अब सवाल उठने लगे हैं। संभल में हुई हिंसा के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ((एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बदायूं की मस्जिद को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आने वाली नस्लों को एआई की पढ़ाई के बजाय एएसआई की खोदाई में व्यस्त कर दिया गया है।
असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल पर लिखा है कि बदायूं की जामा मस्जिद को नीलकंठ महादेव का मंदिर बताकर कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। यह मामला कोर्ट में चल रहा है। शनिवार यानी 30 नवंबर को इस मामले में सुनवाई हुई थी। इसमें इंतजामिया कमेटी के पक्ष की तरफ से शनिवार से बहस शुरू की गई है। बता दें कि, हाल ही में संभल की जामा मस्जिद पर सर्वे को लेकर हुई हिंसा के बाद बदायूं कोर्ट में इस मामले की पहली सुनवाई हुई थी।
ओवैसी का सरकार पर निशाना
इसी के चलते असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार यानी 30 नवंबर को अपने हैंडल पर एक पोस्ट करते हुए लिखा कि बदायूं की जामा मस्जिद को भी निशाना बनाया जा रहा है। कोर्ट में वर्ष 2022 में कैसे किया गया था और उसकी अगली सुनवाई तीन दिसंबर को होगी।
क्या है पूरा मामला
शम्सी शाही मस्जिद इंतजामिया कमेटी के वकील असरार अहमद ने दावा किया कि मस्जिद करीब 850 साल पुरानी है और वहां मंदिर का कोई अस्तित्व नहीं है। हिंदू महासभा को इस मामले में याचिका दायर करने का अधिकार ही नहीं है। वहीं याचिकाकर्ता के वकील विवेक रेंडर ने कहा कि उन्होंने कोर्ट में ठोस सबूत पेश किए हैं।
क्या है विवाद
शम्सी शाही मस्जिद इंतजामिया कमेटी के वकील असरार अहमद ने दावा किया कि मस्जिद करीब 850 साल पुरानी है और वहां मंदिर का कोई अस्तित्व नहीं है। हिंदू महासभा को इस मामले में याचिका दायर करने का अधिकार ही नहीं है। वहीं याचिकाकर्ता के वकील विवेक रेंडर ने कहा कि उन्होंने कोर्ट में ठोस सबूत पेश किए हैं।
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