
नई दिल्ली: ईरानी महिला महसा अमिनी की मौत के बाद से पूरे ईरान में हिजाब के खिलाफ जारी प्रदर्शन और हिंसक हो गया। वहीं इस मामले में अब तक 40 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों के आकोश को देखते हुए सरकार ने इंटरनेट पर रोक लगाने का फेसला किया है। इसके साथ ही खुफिया मंत्रालय ने गुरूवार को चेतावनी दी कि विरोध प्रदर्सनों में भाग लेना अवैध है और प्रदर्शनकारियों पर केस चलाया जाएगा।
कैसे हुई महसा अमीनी की मौत?
बता दें कि, 22 साल की महसा अमीनी को हिजाब ना पहनने की वजह से 13 सितंबर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और पुलिस पिटाई के बाद वो कोमा में चली गई थी, जिसके तीन दिन बाद महसा अमीनी की मौत हो गई। महमा अमीनी परिवार के साथ तेहरान घूमने गई थी, लेकिन अंदाजा नहीं था कि हिजाब न पहनने की कीमत जान देकर चुकानी होगी। चश्मदीदों का कहना है कि मंगलवार को हिजाब न पहनने के जुर्म में धार्मिक मामलों की पुलिस ने महसा अमीनी को गिरफ्तार किया, वैन में डाला और बुरी तरह पिटाई की. इसके बाद खबर आई कि उनकी मौत हो गई।
वहीं ईरान के 50 से ज्यादा शहरों में प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को दो थानों व कई वाहनों में आग लगा दी। इस दौरान सुरक्षाबलों से हुई झड़प में अब तक करीब 40 प्रदर्शनकारियों की जान जा चुकी है। सुरक्षाकर्मी प्रदर्शनकारियों की धरपकड़ के लिए रिहायशी बिल्डिंगों में भी छापेमारी कर रहे हैं।
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