
नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कोरोना का हाहाकार है. इसी बीच दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने एलजी अनिल बैजल के फैसले का विरोध किया है. दरअसल, एलजी अनिल बैजल का फैसला ये था कि, दिल्ली में किसी को भी होम क्वारनटीन न रखकर अस्पताल या स्वास्थ्य सेवाओं से युक्त केंद्रों पर ही क्वारनटीन किया जाएगा.
आपको बता दें कि, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्होनें कोरोना पॉजिटीव पाया गया. वहीं सत्येंद्र जैन के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली सरकार एलजी के इस फैसले का दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की बैठक में विरोध करेगी. मनीष सिसोदिया ने कहा कि ये आदेश व्यावहारिक नहीं है.
वहीं मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस फैसले के कई परिणाम होंगे, लोग क्वारनटीन होने के डर से टेस्ट के लिए सामने नहीं आएंगे और जिस तरह से संख्या बढ़ रही है ऐसे में हम उन्हें कहां रखेंगे. सिसोदिया ने कहा कि उनकी सरकार इस फैसले का विरोध करेगी. दिल्ली में अभी 10,490 लोग होम आइसोलेशन में हैं. एलजी के आदेश के बाद होम क्वारनटीन में रह रहे 10,490 लोगों का क्या होगा ये अहम सवाल है? क्या इन्हें फिलहाल होम आइसोलेशन में रखा जाएगा या फिर आदेशानुसार अनिवार्य संस्थागत क्वारनटीन में भेजा जाएगा?
वहीं बता दें कि, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आदेश जारी कर कहा था कि सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए पांच दिन सरकारी क्वारनटीन में रहना अनिवार्य होगा. साथ ही नए आदेश के मुताबिक अब कोई भी व्यक्ति अगर कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे सीधे पांच दिनों के लिए अनिवार्य संस्थागत क्वारनटीन भेजा जाएगा.
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