ये बात थोड़ी चौंकाने वाली है, लेकिन एक अंग्रेजी समाचार पत्र की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है। समाचार पत्र के अनुसार उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप से मात्र 500 रुपये में ये सर्विस खरीदी है, जिसके बाद से करीब 100 करोड़ आधार कार्ड का एक्सेस मिल गया है।
उनका दावा है की एक एजेंट ने मात्र 10 मिनट में एक गेटवे दिया और लॉग-इन पासवर्ड भी दिया था जिसके बाद उन्हें आसानी से निजी जानकारी मिल सकती है। वहीं चंडीगढ़ में UIDAI की रिजनल एडशिनल डॉयरेक्टर-जनरल, संजय जिंदल ने बताया कि अगर ये सच है तो काफी चौंकाने वाला है क्योंकि डॉयरेक्टर-जनरल और मेरे अलावा किसी और के पास लॉग-इन पासवर्ड नहीं होना चाहिए।
बताया जा रहा है कि ये ग्रुप पिछले 6 महीने से काम कर रहा था। इस ग्रुप से सबसे पहले उन तीन लाख लोगों को टारगेट किया जो कि IT मंत्रालय की ओर से कॉमन सर्विस सेंटर स्कीम के तहत काम करते थे। इतना ही नहीं हैकर्स के पास राजस्थान की आधार कार्ड वेबसाइट का भी एक्सेस मिल गया जिससे वे आधार की जानकारी और उसे प्रिंट करवा सकते थे। इस खुलासे से एक बात तो साफ है कि अगर इस तरह की कोई भी खामी पाई गई है तो ये एक बड़ी चूक है।
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