देश के 88% लोग एंग्जायटी के शिकार, एक्सपर्ट ने बताया मन को शांत करने का 3-3-3 रूल

देश के 88% लोग एंग्जायटी के शिकार, एक्सपर्ट ने बताया मन को शांत करने का 3-3-3 रूल

3-3-3Rule for Anxiety: एंग्जायटी बॉडी का एक नेचुरल रिस्पॉन्स है जो स्ट्रेस को लेकर अलर्ट होने के लिए देता है। पर जब एंग्जायटी यानी चिंता लगातार या अत्यधिक हो जाती है। तब ये एक मेंटल डिसऑर्डर में बदल जाती है। जो शरीर मेंटली और फिजिकली तौर पर प्रभावित कर सकता है। एक स्टडी में पता चला है कि भारत में हर 100 में से 88 लोग एंग्जाइटी का शिकार हैं।

एंग्जायटी की वजह से नींद की समस्या, मांसपेशियों में तनाव, पाचन संबंधी समस्याएं, चिड़चिड़ापन, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और पैनिक अटैक जैसी समस्या बढ़ने का खतरा रहता है। ये समस्या काम का तनाव या घर-परिवार में चल रही परेशानी को लेकर हो सकती है। जिससे हम बहुत ज्यादा चिंता और ओवरथिंकिंग करते है, जो हमें मेंटली और फिजिकली बीमार बना सकता है।

88% लोग हैं एंग्जायटी के शिकार

हाल ही में एक स्टडी में पता चला है कि भारत में हर 100 में से 88 लोग एंग्जाइटी का शिकार हैं। यानी ये लोग इस मेंटल डिसऑर्डर का शिकार हैं। मेडिकल एक्सपर्ट के अनुसार, लगभग दुनिया का हर व्यक्ति किसी न किसी प्रकार की चिंता से जूझता है। यह बहुत सामान्य समस्या है। लेकिन स्ट्रेस के एंग्जायटी में बदलने पर ध्यान देने और जरूरत के अनुसार उपाय करना जरूरी होता है। इससे बचने के लिए 3-3-3 रूल्स को अपनाना जरूरी हैं।

फॉलो करें 3-3-3 रूल

एंग्जायटी की समस्या से बचने के लिए 3-3-3 रूल्स को अपनाना जरूरी हैं। इसके लिए देखने, सुनने और करने जैसी तीन बातों पर पूरी तरह फोकस करना होता है। अपने आप को याद दिलाएं कि आप कहां हैं, उस पर ध्यान दें जो आपके नियंत्रण में है।

इसका सीधा असर आपके दिमाग पर होता है। क्योंकि एंग्जायटी के कारण खुद पर कंट्रोल नहीं रहता है। ऐसे में खुद को वहीं रोककर चारों तरफ देखना चाहिए। अपनी आंखों और अपने आसपास नजर वाली चीजों पर ध्यान दें। फिर उन तीन चीजों के बारें में बताइए, जिन्हें आप आसपास देख सकते हैं। ऐसा करमे से एंग्जाइटी की समस्या से बचने में मदद मिलती है। 

3-3-3 रूल को अपनाने के फायदे

जिन बातों को सोचकर मन दुखी होता है, मन भटकता है, फोकस नहीं हो पाता है। ऐसे में एंग्जाइटी से बचने के लिए 3-3-3 रूल को अपनाने से मन पूरी तरह बदल सकता है। आप इमोशनली तौर पर काफी अच्छा फील होता है। इससे मन पर कंट्रोल बढ़ता है, शांति महसूस होती है।

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