
बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा 33 साल की हो गई है। 18 जुलाई 1982 को उनका जन्म जमशेदपुर, बिहार (अब झारखंड) में हुआ था। उनके पिता दिवंगत आकाश चोपड़ा और मां मधु चोपड़ा आर्मी में फिजिशियन थे। पेरेंट्स के जॉब के चलते प्रियंका का बचपन जमशेदपुर के अलावा, दिल्ली, पुणे, लखनऊ, बरेली, लद्दाख, चंडीगढ़ और अंबाला में गुजरा। लखनऊ (ला मार्टिनियर गर्ल्स स्कूल) और बरेली (सेंट मारिया गोरेट्टी कॉलेज) से उनकी पढ़ाई भी हुई। 13 साल की उम्र में वे पढ़ाई के लिए यूनाइटेड स्टेट चली गई थी। तीन साल बाद वापस लौटीं और बरेली के आर्मी स्कूल से हाई स्कूल एग्जाम पास किया। साल 2000 में प्रियंका ने मिस इंडिया पेजेंट में हिस्सा लिया और खिताब अपने नाम करने में कामयाब रही। इसी साल उन्हें भारत की ओर मिस वर्ल्ड पेजेंट में भेजा गया और वे यह ताज भी अपने नाम करने में सफल हुई।
प्रियंका चोपड़ा ने साल 2002 में सनी देओल और प्रिटी जिंटा स्टारर द हीरो : लव स्टोरी ऑफ अ स्पाई से बॉलीवुड डेब्यू किया। हालांकि, इससे पहले डायरेक्टर अब्बास मस्तान की फिल्म हमराज उन्हें ऑफर की गई थी, लेकिन किसी कारण वे इसका हिस्सा नहीं बन सकी। अगर स्क्रीन डेब्यू की बात की जाए तो तमिल फिल्म Thamizhan उनकी पहली फिल्म थी। द हीरो के बाद प्रियंका ने अंदाज (2003), मुझसे शादी करोगी (2004), वक्त : द रेस अगेंस्ट टाइम (2005), डॉन (2006), फैशन (2008), कमीने (2009), डॉन 2 (2011), अग्निपथ (2012), बर्फी (2012), कृष 3 (2013), गुंडे (2014), मैरी कॉम (2014) और दिल धड़कने दो (2015) जैसी कई सफल फिल्मों में काम किया है। उनकी दो फिल्में बाजीराव मस्तानी और गंगाजल 2 भी इस साल रिलीज हो सकती है। साल 2008 में डायरेक्टर मधुर भंडारकर की फिल्म फैशन के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड्स के तहत बेस्ट एक्ट्रेस चुना गया था।
किसे पता था, बचपन में जिसे सब काली-कलूटी कह कर चिढ़ाया करते थे, वह लड़की एक दिन दुनिया में अपनी खूबसूरती का लोहा मनवा कर आएगी। जी हा, बचपन में प्रियंका चोपड़ा सांवले रंग की थी। आज कोई भी उनकी एक झलक देख कर दीवाना हो जाता है, उसी प्रियंका को कभी उनकी नाक की बनावट, तो कभी अपने सांवले रंग के लिए ताने सुनने पड़ते थे। अगर उन्हें अपने मां-पिता का खुला समर्थन न मिला होता, तो वे आज इंडस्ट्री पर राज नहीं कर रही होती।
झारखंड के जमशेदपुर जिले में जन्मीं प्रियंका उर्फ पीसी 13 साल की उम्र में ही पढ़ाई के लिए बोस्टन चली गई। इस एक्सपीरियंस के बारे में प्रियंका कहती है, महज 13 साल की उम्र में यूएस में होना मेरे लिए एक बड़ा कल्चर-शॉक था। मैं कभी किसी कैफेटेरिया में नहीं जाती थी, क्योंकि मुझे पता नहीं होता था कि लाइन में कैसे खड़े होते है, पेमेंट कैसे करते हैं या परोसे गए खाने को लेकर कैसे जाते है। मैं किसी बेवकूफ की तरह नहीं दिखना चाहती थी, इसलिए मैं वेंडिंग मशीन से चिप्स खरीदती थी और टॉयलेट में बैठ कर खाती थी। मैंने वहां अपने तीनों साल ऐसे ही गुजारे।
जब पीसी विदेश से वापस आईं तो उन्हें उनकी आंटी काली-कलूटी कह कर चिढ़ाती थी। किसी भी आम बच्चे की तरह प्रियंका यानी मिमी का आत्मविश्वास खोने लगा। उधर, उनके पिता उन्हें हायर स्टडीज के लिए ऑस्ट्रेलिया भेजने की तैयारी में लग गए। तब उनकी मां ने ऐसा कदम उठाया, जिससे मिमी की जिंदगी ही बदल गई। जिस यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के लिए उन्होंने पासपोर्ट साइज की तस्वीरें खिंचवाई थी, उन्हें उनकी मां ने मिस इंडिया कॉन्टेस्ट में भेज दिया। और तो और, उन्होंने इस बारे में किसी को कुछ बताया भी नही।
तभी एक दिन कॉल आया कि उस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रियंका का सेलेक्शन हो गया है। तब जा कर सबको इस बात की खबर लगी। प्रियंका ने कॉन्टेस्ट में दूसरा स्थान हासिल किया और उसी साल मिस वर्ल्ड का खिताब जीत लाई। इसके बाद उन्होंने फिल्मों का रुख किया। इंडस्ट्री में आने के कुछ साल बाद उन्होंने नेशनल अवार्ड जीत हर तरह से क्रिटिक्स के मुंह बंद कर दिए। प्रियंका के नाम मैरीकॉम, बर्फी, फैशन, डॉन सीरीज, कमीने, एतराज जैसी कई सुपरहिट फिल्में है।
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