2015 के गब्बर में नहीं है दम

2015 के गब्बर में नहीं है दम

अक्षय कुमार की नई फिल्म गब्बर इज बैक फिल्मी पर्दे पर की खास कमाल नही दिका पाई है यानी दर्शको की भीड़ जुटाने में यें नाकामयाब रही है । इसकी पीछे जो कारण बताय जा रहा है वो अक्षय कुमार की अमजद खान से एक्टिग थोड़ी हल्की नजर  रही है जानकारी के मुताबिक स्टारर फिल्म गब्बर इज बेक सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। यह फिल्म साल 2002 में आई तमिल की एक्शन थ्रिलर फिल्म रमन्ना की रीमेक है, जिसका निर्देशन कृष ने किया है। फिल्म के ट्रेलर को देखने के बाद दर्शकों को इससे काफी उम्मीदें थी, लेकिन कहीं न कहीं फिल्म ने निराश किया है। गब्बर हिंदी फिल्मों के सबसे लोकप्रिय खलनायकों में से एक रहे है। 1975 में आई सुपरहिट फिल्म शोले में अमजद खान द्वारा निभाए गए गब्बर के किरदार की टक्कर में अक्षय कुमार का गब्बर अवतार थोड़ा हल्का लगता है।

दरअसल फिल्म की कहानी को यदि संक्षेप में समझा जाए तो दो डायलॉग इसकी पूरी कहानी को बयां कर देते हैं। गब्बर (अक्षय कुमार) का पचास-पचास कोस दूर जब कोई रिश्वत लेता है तो लोग कहते है, मत ले...वरना गब्बर आ जाएगा और बिजनेसमैन पाटिल (सुमन तलवार) का रिश्वत ली तो गब्बर मार देगा और नहीं ली तो मैं मार दूंगा। यानी कि फिल्म की कहानी गब्बर सिंह राजपूत नाम के एक शख्स की है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता है। समाज में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए वह हर तबके के लोगों को सबक सिखाता है। फिर चाहे वह तहसीलदार हो, हॉस्पिटल प्रशासन से जुड़े लोग हों, राजनेता हो, पुलिस हो या फिर बिजनेसमैन। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए गब्बर क्या-क्या हथकंडे अपनाता है और किस हद तक सफल होता है, यह सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी। फिल्म में जयदीप अहलावत ने सीबीआई चीफ, सुमन तलवार ने बिजनेसमैन पाटिल, श्रुति हासन ने एडवोकेट श्रुति और सुनील ग्रोवर ने पुलिस ऑफिसर साधू का किरदार निभाया है।

राधाकृष्ण जगर्लामुडी उर्फ कृष ने अक्षय कुमार की पॉपुलैरिटी को भुनने की कोशिश की है। उन्होंने अक्षय कुमार को एक्शन और डायलॉगबाजी के ऐसे कई सीन दिए है, जिन्हें देख दर्शक तालियां बजाने से पीछे नहीं रह पाएंगे। फिल्म की स्टोरी काफी सिंपल है, लेकिन कृष के प्रयोगों का खामियाजा पूरी फिल्म को उठाना पड़ रहा है।

 

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