
जय हो डेमोक्रेसी के पोस्टर्स और कलाकार को देख कर उम्मीद की जा सकती थी कि हम लोकतंत्र को लेकर एक और बेहतरीन सटायर फिल्म देखने जा रहे है। आखिर फिल्म से बेहतरीन कलाकार व जाने माने रंगकर्मी का नाम जुड़ा था। लेकिन रंजीत कपूर की फिल्म जय हो डेमोक्रेसी प्रभावित नहीं करती। बल्कि निराश करती है।
निस्संदेह फिल्म में बेहतरीन कलाकारों का जमावड़ा है। सभी दक्ष कलाकार है। लेकिन फिल्म का असली स्वाद तो कहानी है। और फिल्म में कहानी की ही कमी है। इससे पहले भी भारत पाक को लेकर फिल्में बनती रही है। कई सटायर फिल्में भी बनी है। जय हो भी उसी श्रेणी में है। लेकिन कहानी में कोई नयापन नजर नहीं आया है।
अन्नू कपूर पिछली कुछ फिल्मों से टाइपकास्ट नजर आने लगे हैं. उन्हें इस ठहराव से बचने की पूरी कोशिश करनी चाहिए. अफसोस इस बात का है कि कलाकारों की क्षमता का सही तरीके से प्रयोग ही नहीं हुआ। सभी किरदार थके या पुराने ढर्रे पर चले आ रहे संवादों का ही प्रयोग करते है, जिसे सुन सुन कर दर्शक थक चुके है। या कई स्थानों पर किरदारों को देख कर ऐसा लगता है मानो वह किसी प्ले का मंचन कर रहे हो।
फिल्म की कहानी में भारत और पाकिस्तान के फौजी को एक दूसरे से हंसी ठिठोली करते हुए दिखाया गया है। कुछ संवाद भले ही दर्शकों का मनोरंजन करे। लेकिन अधिकतर बोर ही करते है। निर्देशक की सोच शायद इस फिल्म को लेकर यह रही होगी कि किस तरह भारत पाकिस्तान में किसी भी मसले को तील का ताड़ बनाया जाता है। यहां मुर्गी हलाल होती है।
भारत पाक सीमा के रसौये से मुर्गी उस पार चली जाती है। भारत का रसोईया उस पार मुर्गी पकड़ने जाता है और यह खबर मीडिया में आ जाती है। फिर एक कमिटी का गठन होता है और फिर किस तरह मुद्दा क्या था और क्या बना दिया जाता है। यह सारा खेल देश के लोकतंत्र को लेकर मचता रहता है।
निर्देशक ने यह कोशिश अच्छी की है कि दोनों देशो के रिश्ते को हास्य व्यंग्य के माध्यम से दर्शको तक बात पहुंचाने की कोशिश की है। लेकिन भारत पाक के रिश्तों पर इतनी कहानियां व फिल्मों की भरमार है कि ये सारी बातें अब स्वाभाविक बाते लगने लगी है। दर्शक इस बात का अनुमान लगा सकते हैं कि आगे के संदेश क्या होगा।
अच्छे कलाकार, अच्छे निर्देशक के बावजूद यह फिल्म उत्कृष्ट फिल्म नहीं बन पाती. ओम पुरी, सीमा विस्वास, सतीश कौशिक निराश करते है। आदिल हुसैन ने कुछ हद तक अपने किरदार को बखूबी से निभाने की कोशिश की है। ओम पुरी भी खास प्रभावित नहीं कर पाते।
Leave a comment