
मुम्बई : बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की कथित संलिप्तता वाले 2002 के हिट एंड रन मामले में बचाव पक्ष के वकील ने आज दलील दी कि घटना के बाद सरकारी अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिकारी ने अभिनेता का रक्त का नमूना लेने में तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया।
सलमान के वकील श्रीकांत शिवड़े ने अभियोजन के गवाह डा. शशिकांत पवार से जिरह की जो उस समय यहां सरकारी जेजे अस्पताल में थे।
सलमान की कार ने 28 सितम्बर 2002 की रात में मुम्बई के बांद्रा उपनगरीय क्षेत्र में एक सड़क किनारे स्थित दुकान से गाडी टकरा दी थी जिससे फुटपाथ पर सो रहे एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और चार अन्य घायल हो गए थे।
दुर्घटना के बाद सलमान को चिकित्सकीय परीक्षण के लिए जे जे अस्पताल ले जाया गया। पवार ने आज अदालत को बताया कि चिकित्सकों ने सलमान के रक्त का नमूना एकत्रित किया और उसे प्रयोगशाला में भेजने से पहले दो शीशियों में डाला।
शिवड़े ने कहा कि यद्यपि रसायनिक विश्लेषक ने कहा है कि उसे केवल एक शीशी मिली। सिविल मेडिकल कोड के अनुसार पांच मिलीलीटर रक्त निकालना होता है लेकिन चिकित्सकों ने कहा कि उसने प्रत्येक नमूने के लिए केवल तीन मिलीलीटर रक्त निकाला था।
बचाव पक्ष के वकील ने यह भी कहा कि प्रक्रिया के तहत नमूने में प्रिजर्वेटिव मिलाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। डा पवार से जिरह शनिवार को भी जारी रहेगी।
इस बीच विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात ने आज अदालत से तीन और गवाहों से जिरह करने की इजाजत मांगी जिनके बयान आरोपपत्र का हिस्सा नहीं थे।
इन गवाहों में सलमान के ड्राइविंग लाइसेंस के संबंध में एक सड़क परिवहन अधिकारी, रक्त का नमूना प्रयोगशाला तक ले जाने वाले सिपाही और कुछ गवाहों के बयान दर्ज करने वाले मजिस्ट्रेट शामिल हैं। अदालत के अभियोजन के आवेदन पर शनिवार को निर्णय किये जाने की उम्मीद है।
अभी तक 21 गवाहों से जिरह हुई है जबकि पांच से छह बचे हुए हैं। सलमान गैर इरादतन हत्या के मामले का सामना कर रहे हैं जिसके तहत उन्हें अधिकतम 10 वर्ष की सजा हो सकती है।
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