जुनून व जज्बे का स्केटिंग गेम है, हवा हवाई

जुनून व जज्बे का स्केटिंग गेम है, हवा हवाई

जयपुर: आमिर खान की फिल्म तारे जमीं पर, से सुर्खियों में आए डायरेक्टर अमोल गुप्ते लंबे समय बाद बॉक्स ऑफिस पर हाजिर है। अमोल गुप्ते निर्देशित फिल्म हवा हवाई, रिलीज हो गई। बॉलीवुड में खेलों पर कई फिल्में बनी है लेकिन अमोल गुप्ते डिफरेंट कहानी पेश की है।

स्केटिंग को आमतौर एक खास क्लास को गेम माना जाता है। फिल्म में दिखाया गया है कि एक तरफ महंगे स्केटिंग शूज पहन कर एक खास क्लास के बच्चे स्केटिंग सीखते है वहीं दूसरी तरफ चाय बांटने वाला एक गरीब तबके का लड़का अर्जुन अपनी लगन और खुद को गेम में परफेक्ट करता है। यह इस कहानी का बेहतरीन टर्निग प्वाइंट है।

कहानी:
फिल्म की कहानी अर्जुन (पार्थो गुप्ते) से शुरू होती है जो एक दुकान पर चाय बांटने का काम करता है। अर्जुन किसान का बेटा है, अचानक किसान की मौत हो जाती है। अब पूरे परिवार की जिम्मेदारी अर्जुन पर है। उसे दुकान से जितना पैसा मिलता है उससे वह मां, भाई-बहनों की देखभाल करता है। इस दौरान अर्जुन को स्केटिंग क्लास के बारे में पता चलता है।

अनिकेत (साकिब सलीम) जो स्केटिंग सिखाते है, का एक्सिडेंट हो जाता है और उसे पैर पर प्लास्टर चढ़ा है। इसके बावजूद वह बच्चों को स्केटिंग सिखाने जरूर आता है। एक दिन अर्जुन की मुलाकात अनिकेत से होती है। अनिकेत को चाय देने को काम अर्जुन का होता है। अर्जुन को लगता है वह भी स्केटिंग सीख सकता है।

वह अनिकेत को बच्चों को स्केटिंग सिखाते हुए देखता और बाद में बिना स्केटिंग शूज के कुछ करने की कोशिश करता। अर्जुन के चार दोस्त हैं, एक अपनी मां के साथ कचरा बटोरता है, दूसरा एक ऑटो वर्कशॉप में काम करता है, तीसरा गजरा बेचता है और चौथा सिलाई के काम में लगा है। सड़क किनारे चारों अक्सर मिलते हैं।

जब उन्हें अर्जुन के स्केटिंग शौक के बारे में पता चलता है तो चारों मिलकर स्केटिंग शूज बनाते है और इसका नाम हवा हवाई रखते हैं। अनिकेत को अर्जुन की स्केटिंग के प्रति लगन का पता चलता है, वह विदेश जाने को प्लान रद्द कर देता है और एक दिन अर्जुन अपनी मेहनत के दम पर अपने स्केटिंग कोच का एकलव्य और अर्जुन बन जाता है।

परफोर्मेस
पार्थो गुप्ते ने दमदार एक्टिंग की है। फिल्म में पार्थो ने जान डाल दी है। उन्होंने अपने किरदार के साथ न्याय किया है। वहीं नेहा जोशी अर्जुन की मां के किरदार में बखूबी जमी है। स्केटिंग कोच बने साकिब सलीम और मकरंद पांड समेत सभी किरदारों ने ठीक ठाक अदाकारी की है।

ऑवरऑल
अमोल गुप्ते स्क्रीप्ट के जरिए दर्शकों बांधने में कामयाब रहे है। स्केटिंग के शौकीन व लीक से हटकर फिल्में देखने वाले दर्शकों को फिल्म जरूर पसंद आएंगी।  

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