
US Election 2024: अमेरिका में आगामी चुनावों में भारत, भारतीय और भारतीयता पर महत्वपूर्ण राजनीतिक बहस चल रही है। कमला हैरिस अपने भारतीय मूल का हवाला देकर मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश कर रही हैं। दूसरी ओर, डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदुओं के प्रति हो रहे अत्याचारों का मुद्दा उठाकर नया राजनीतिक दांव खेला है। उन्होंने बांग्लादेश से अमेरिका तक फैले इस मुद्दे की निंदा की है।
ट्रंप ने बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे बर्बर हमलों की कड़ी निंदा की। उन्होंने आरोप लगाया कि कमला हैरिस और जो बाइडेन ने हिंदुओं को नजरअंदाज किया है। ट्रंप ने अमेरिकन हिंदुओं और वैश्विक स्तर पर हिंदुओं की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। उनके इस बयान को इस्कॉन ने सराहा है।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की चिंताएँ
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय इस समय भय के साए में जी रहा है। हाल ही में, 28अक्टूबर को फरीदपुर में हिंदू छात्र हृदय पाल पर जानलेवा हमला किया गया। इससे पहले, सितंबर में 16वर्षीय हिंदू छात्र उत्सव मंडल को ईशनिंदा के झूठे आरोप में पीटकर मार दिया गया। इन घटनाओं में कट्टरपंथी समूहों द्वारा फर्जी सोशल मीडिया आईडी बनाकर हिंदू नागरिकों को लक्षित किया जा रहा है।
सरकारी नौकरियों में भेदभाव
हिंदू अल्पसंख्यक केवल हिंसा का शिकार नहीं हो रहे; उन्हें सरकारी नौकरियों से भी निकाला जा रहा है। चटगांव विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर रोंटू दास को जान से मारने की धमकी देकर इस्तीफा देने पर मजबूर किया गया। हाल में 252सब इंस्पेक्टरों में से 91हिंदू पुलिसकर्मियों को अनुशासन के नाम पर निकाल दिया गया।
सोशल मीडिया का खतरा
हिंदू संगठनों का आरोप है कि इस्लामिक कट्टरपंथी समूह हिंदू नागरिकों की सोशल मीडिया आईडी हैक कर उन्हें निशाना बना रहे हैं। हाल की घटनाएँ इस बात का संकेत देती हैं कि बांग्लादेश में हिंदू नागरिकों की स्थिति लगातार बिगड़ रही है।
चिन्मय दास पर राष्ट्रद्रोह का मामला
इस्कॉन समूह के चिन्मय दास के खिलाफ बांग्लादेश में राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। उन पर प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय झंडे की अवमानना का आरोप है। चिन्मय दास लगातार हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाते आ रहे हैं।यह स्थिति न केवल बांग्लादेश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित कर रही है। हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ती जा रही हैं।
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