
Who Is Muhammad Yunus: पड़ोसी देश बांग्लादेश में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है। विपक्ष के उकसाने पर छात्र आंदोलन हिंसक हो गया जिसके कारण शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ा। शेख हसीना को फिर से अपना वतन बांग्लादेश छोड़ना पड़ा और अब उन्होंने भारत में शरण ली है। इससे हसीना विरोधी बांग्लादेशी बेहद चिढ़े हुए हैं। इन्हीं में से एक हैं मोहम्मद यूनुस जो कट्टरपंथ की आग में जल रहे बांग्लादेश में भारत के खिलाफ आग उगल रहे हैं।
कौन हैं मुहम्मद यूनुस?
मुहम्मद यूनुस बांग्लादेश ग्रामीण बैंक के संस्थापक हैं। उन्हें अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार मिला है। यूनुस का शेख हसीना से छत्तीस का आंकड़ा है। शेख हसीना उन्हें सूदखोर मानती हैं तो मोहम्मद यूनुस शेख हसीना को बांग्लादेश में लोकतंत्र का हत्यारा कहते हैं। लेकिन आश्चर्य की बात है कि यूनुस भारत को बांग्लादेश में लोकतंत्र की हत्या में सहयोगी भी बताते हैं। उनका कहना है कि शेख हसीना भारत के समर्थन से ही बांग्लादेश में चुनाव के बजाय तानाशाही के जरिए सत्ता पर काबिज हुई हैं।
मुहम्मद यूनुस को भारत से क्या शिकायत है?
यूनुस को बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार का प्रमुख सलाहकार नियुक्त किया जा सकता है। उनका कहना है कि भारत ने अपने देश में लोकतंत्र को फलने-फूलने के लिए पूरी लगन से काम किया, लेकिन इसके उलट उसने पड़ोसी बांग्लादेश में तानाशाही का समर्थन किया। उन्हें इस बात का भी दुख है कि भारत ने बांग्लादेश में हुए ताजा बवाल को आंतरिक मामला बताया है।यूनुस का कहना है कि बांग्लादेश भारत का पड़ोसी देश है, तो ऐसा कैसे हो सकता है कि भारत यहां के बिगड़ते माहौल पर आंखें मूंद ले? उन्होंने कहा कि बांग्लादेश भी सार्क का सदस्य है। इस संदर्भ में, यह भारत की जिम्मेदारी है कि वह बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली का मार्ग प्रशस्त करने में मदद करे।
जैसे मालदीव में मुइज्जू, उसी तरह बांग्लादेश में यूनुस
नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस का कहना है कि अगर बांग्लादेश में आग लगी तो आग की लपटें पड़ोसी देशों तक भी पहुंचेंगी। उन्हें इस बात पर भी गुस्सा है कि भारत हमेशा शेख हसीना के साथ क्यों खड़ा रहता है। भारत के लिए यूनुस के ऐसे विचार काफी घातक साबित हो सकते हैं। बांग्लादेश में न तो कोई अंतरिम सरकार बनी है और न ही यूनुस को नई सरकार में कुछ पद मिला है। इससे पहले भी यूनुस का भारत विरोधी रवैया चिंताजनक है। मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव से पहले ही मुहम्मद मुइज्जू ने भी भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया था और राष्ट्रपति बनने के बाद भी भारत का विरोध जारी रखा। इससे मालदीव के साथ भारत के रिश्तों में काफी खटास आ गई। अब मोहम्मद यूनुस जैसे लोगों की वजह से बांग्लादेश भी भारत विरोधी राह पर आगे बढ़ सकता है।
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