
UAE Liberalizes Abortion Laws: कट्टर इस्लामिक देश संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने महिलाओं के पक्ष में बड़ा कानूनी बदलाव करने का फैसला किया है। देश में नए कानूनी सुधारों के तहत अब महिलाओं को गर्भपात की इजाजत मिलेगी। यह इजाजत रेप और व्यभिचार के मामलों में दी जाएगी। एक कैबिनेट प्रस्ताव में कहा गया है कि यदि गर्भावस्था बलात्कार या अनाचार के परिणामस्वरूप हुई हो तो गर्भपात कराया जा सकता है। साथ ही यह शर्त भी लगाई गई है कि इसकी रिपोर्ट और पुष्टि लोक अभियोजन द्वारा की जानी चाहिए। केवल 120 दिन (4 महीने) से कम उम्र के भ्रूण के लिए ही गर्भपात की अनुमति होगी।
इन शर्तों पर मिलेगी मंजूरी
कैबिनेट प्रस्ताव में कहा गया है कि 'गर्भपात की अनुमति दी जाएगी यदि गर्भावस्था महिला की इच्छा के विरुद्ध, उसकी सहमति के बिना या पर्याप्त इच्छा के बिना संभोग के कारण होती है', या 'उस व्यक्ति द्वारा जिसने गर्भधारण किया है।' वह महिला का पूर्वज या उसका महरम रिश्तेदार है। इस्लाम में, महरम परिवार का एक सदस्य होता है जिसका विवाह हराम (अवैध) माना जाता है। महिला के लिए महरम से पर्दा करना अनिवार्य नहीं है।
महिलाओं के लिए बड़ा कदम
नए कानून का उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा की रक्षा करना है। इसका उद्देश्य ऐसे अपराधों के परिणामों से निपटने के लिए कानून की आवश्यकता को संबोधित करना भी है। विशेषज्ञों ने इस प्रस्ताव की सराहना करते हुए इसे संयुक्त अरब अमीरात में महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सकारात्मक कदम बताया है। गर्भावस्था को वैध आधार के रूप में शामिल करने से महिलाओं की सुरक्षा होगी। कानून में प्रावधान है कि महिला की जान को जोखिम में डाले बिना गर्भपात कराया जाना चाहिए।
अभी क्या है कानून?
UAE का मौजूदा कानून केवल मां के जीवन को जोखिम या भ्रूण में गंभीर असामान्यताओं के मामलों में ही गर्भपात की अनुमति देता है। यह सुधार UAE के गर्भपात कानूनों में किए गए बदलावों में सबसे नया है, जिसमें पति या पत्नी की सहमति के बिना आपातकालीन गर्भपात की हाल ही में दी गई अनुमति भी शामिल है।
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