
UAE On Waqf Board: भारत में वक्फ बोर्ड से जुड़े नए बिल को लेकर देशभर में बहस चल रही है। इसी बीच संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के एक प्रमुख धार्मिक नेता ने इस पर चौंकाने वाला बयान दिया है। ग्लोबल इमाम काउंसिल (GIC) के गवर्निंग मेंबर और अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक विद्वान मोहम्मद तौहीदी ने भारतीय मुसलमानों को सीधी सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड पर सरकार की निगरानी जरूरी है और यह केवल मुसलमानों के लिए नहीं होना चाहिए।
UAE का मॉडल: वक्फ बोर्ड सबके लिए काम करता है
इमाम तौहीदी ने बताया कि UAE में वक्फ बोर्ड पूरी तरह पेशेवर ढंग से काम करता है। उन्होंने कहा, "हमने UAE में दिखाया है कि वक्फ बोर्ड इस्लाम, मुसलमानों, समाज और मानवता की सेवा के लिए काम कर सकते हैं।" यहां के वक्फ बोर्ड कानून के अनुसार काम करते हैं। समाज में उन्हें सम्मान मिलता है और वे धार्मिक ढांचे के कई हिस्सों का संचालन करते हैं। तौहीदी ने कहा कि UAE की यह व्यवस्था भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश के लिए एक आदर्श मॉडल हो सकती है।
वक्फ बोर्ड का लाभ सभी धर्मों को मिले -तौहीदी
भारतीय मुसलमानों को सलाह देते हुए तौहीदी ने कहा कि वक्फ बोर्ड का दायरा सिर्फ मस्जिदों या इस्लामिक संस्थाओं तक नहीं होना चाहिए।उन्होंने कहा, "वक्फ बोर्ड मंदिरों, चर्चों और अन्य पूजा स्थलों के लिए भी उतना ही जरूरी है।"
UAE में सभी धार्मिक स्थलों को कानून का संरक्षण मिलता है।सरकार उनकी देखभाल करती है और सभी धर्मों को समान अधिकार मिलते हैं।उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की निगरानी गलत नहीं है, जब तक सभी के साथ समान व्यवहार किया जाए और सब कानून का पालन करें।
धार्मिक संस्थानों का उद्देश्य होना चाहिए सेवा, न कि विवाद
इमाम तौहीदी के इस बयान से साफ है कि धार्मिक संस्थाओं को समाज और मानवता की सेवा करनी चाहिए।विवाद नहीं, संतुलन और पारदर्शिता जरूरी है।भारत में चल रहे विवाद के बीच यह बयान सोचने पर मजबूर करता है कि वक्फ बोर्ड की व्यवस्था सबके हित में कैसे बनाई जाए।
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