Russia Ukraine War: रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने की युद्धविराम की पेशकश, बस यूक्रेन को माननी होंगी ये शर्त

Russia Ukraine War: रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने की युद्धविराम की पेशकश, बस यूक्रेन को माननी होंगी ये शर्त

Russia Ukraine War: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अब यूक्रेन के साथ युद्ध नहीं लड़ना चाहते हैं। पांचवीं बार देश की कमान संभालने के बाद पुतिन ने एक बार फिर इसका ऐलान किया। चीन की यात्रा पर जाने से पहले एक इंटरव्यू में पुतिन ने कहा कि वह यूक्रेन के साथ स्थायी शांति चाहते हैं। ऐसी शांति जो लंबे समय तक कायम रहती है। पुतिन ने यह भी कहा कि वह शांतिपूर्ण समाधान के लिए यूक्रेन से बात करने को तैयार हैं, लेकिन उनकी एक शर्त है।

पुतिन ने अपने चीन दौरे से पहले एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में यह बात कही। पुतिन ने कहा कि रूस ने कभी भी यूक्रेन से बात करने से इनकार नहीं किया है, लेकिन रूस की शर्त है कि इस बातचीत में इस युद्ध में शामिल सभी लोगों के हितों पर चर्चा होनी चाहिए। पुतिन ने शांति पहल के लिए बीजिंग के प्रयासों की सराहना की।

रूस की जो चिंताएं उनका ध्यान रखा जाए

पुतिन ने कहा कि पिछले साल बीजिंग ने रूस-यूक्रेन युद्धविराम का प्रस्ताव दिया था। इसमें चीन ने सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान करते हुए शीत युद्ध की मानसिकता को छोड़ने का आह्वान किया था। रूस स्थायी शांति के लिए तैयार है, लेकिन रूस की चिंताओं को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। पुतिन ने अफसोस जताया कि यद्यपि हम स्थायी शांति के लिए तैयार हैं, न तो यूक्रेन और न ही उसके पश्चिमी संरक्षक इसे चाहते हैं।

पश्चिम की जिद ने युद्ध को उकसाया

पुतिन ने पश्चिमी देशों पर कीव की मदद करने और अवैध प्रतिबंध लगाकर रूस को कमजोर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। पुतिन ने कहा कि पश्चिम नाजीवाद को बढ़ावा दे रहा है लेकिन जब यूक्रेन समर्थित आतंकवादी रूस में हमले करते हैं तो आंखें मूंद लेते हैं। पुतिन ने याद दिलाया कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते पर पहली चर्चा के साथ ही युद्ध शुरू हो गया था। इसमें यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी शामिल थी। लेकिन जब मॉस्को की सेना ने कीव छोड़ा तो यूक्रेन ने समझौता तोड़ दिया और पश्चिमी देशों की सलाह मानते हुए रूस के साथ लड़ाई जारी रखने पर ज़ोर दिया।

ब्रिटेन कर रहा विरोध

ब्रिटिश रक्षा सचिव ग्रांट शाप्स ने मंगलवार को टाइम्स रेडियो के साथ एक साक्षात्कार में स्पष्ट रूप से कहा कि ब्रिटेन रूस और यूक्रेन के बीच किसी भी शांति वार्ता का समर्थन नहीं करेगा जिसमें रूस को रियायतें दी जाएंगी।

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