
Pakistan Election: पाकिस्तान में आम चुनाव हो चुके हैं और ज्यादातर सीटों के नतीजे सामने आ चुके हैं। पाकिस्तान में अभी कुछ सीटों पर नतीजों का ऐलान होना बाकी है, लेकिन सियासी तस्वीर साफ हो गई है। पाकिस्तान आम चुनाव में इमरान खान का जलवा देखने को मिला है। पाकिस्तान में पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं। लेकिन पार्टी के नजरिए से नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। भले ही जनता ने इमरान खान समर्थित उम्मीदवारों को अपनी पहली पसंद माना है, लेकिन सरकार बनाने के मामले में नवाज शरीफ सबसे आगे हैं।
किसे कितनी सीटें मिलीं
चुनाव आयोग ने अब तक 265 में से 224 निर्वाचन क्षेत्रों के नतीजे घोषित किए हैं। इमरान खान की पार्टी द्वारा समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवारों को 92 सीटें मिलीं, जबकि नवाज शरीफ की पीएमएल-एन को 63 सीटें और बिलावल भुट्टो की पीपीपी को 50 सीटें मिलीं। इसके अलावा छोटी पार्टियों को 19 सीटें मिलीं। पाकिस्तान चुनाव में इमरान खान समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने बिना बैट सिंबल के 92 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया है।
पीटीआई के निर्दलीय उम्मीदवार गेम चेंजर हो सकते हैं
चुनाव आयोग ने इमरान खान की पार्टी पीटीआई का चुनाव चिन्ह रद्द कर दिया था, जिसके बाद उनकी पार्टी के उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। अब ये निर्दलीय सेना का खेल बिगाड़ सकते हैं। दरअसल, नियमों के तहत निर्दलीयों को एक महीने के भीतर किसी भी पार्टी में शामिल होना होगा। अगर ऐसा होता है तो पीटीआई समर्थित उम्मीदवार इमरान खान के गठबंधन में किसी छोटी पार्टी के साथ जुड़ सकते हैं और संसद पहुंच सकते हैं। इसके बाद उन्हें पार्टी की आरक्षित सीटें मिल जाएंगी। इसके बाद वे अपना अगला कदम उठा सकते हैं।
कौन बन सकता है पाकिस्तान का पीएम?
तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके 74 वर्षीय नवाज शरीफ एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं। इसके दो कारण हैं। पहला, नवाज शरीफ की पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और दूसरा, उन्हें पाकिस्तानी सेना का पूरा समर्थन प्राप्त है। पाकिस्तानी सेना भी नवाज शरीफ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाना चाहती है।
बहुमत के लिए कितनी सीटें
पाकिस्तान में नई सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को नेशनल असेंबली की 265 में से 133 सीटें जीतनी होंगी। एक उम्मीदवार की मौत के बाद एक सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया था। कुल मिलाकर बहुमत हासिल करने के लिए 336 में से 169 सीटों की जरूरत है, जिसमें महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटें भी शामिल हैं।
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