बांग्लादेश के इस बयान से पाकिस्तान को हो सकती है चिढ़, कहा- भारत से अच्छे संबंधों के बिना विकास संभव नहीं

बांग्लादेश के इस बयान से पाकिस्तान को हो सकती है चिढ़, कहा- भारत से अच्छे संबंधों के बिना विकास संभव नहीं

Bangladesh Foreign Minister Statement For India: बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने भारत के साथ संबंधों को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसे सुनकर पाकिस्तान को भी मिर्ची लग सकती है। हसन महमूद ने सोमवार को कहा कि भारत के साथ अच्छे संबंधों के बिना विकास संभव नहीं है। हालांकि उन्होंने ये टिप्पणी बांग्लादेश के लिए की है।लेकिन यह बात सुनकर पड़ोसी देश पाकिस्तान भी चौंक सकता है, क्योंकि पाकिस्तान की जनता और कई नेता अक्सर पाकिस्तानी सरकार को भारत के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने की सलाह देते रहे हैं। बड़ी संख्या में पाकिस्तानी भी मानते हैं कि भारत के साथ बेहतर संबंधों के बिना उसका विकास संभव नहीं है।

बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देश कई हजार किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के संयुक्त महासचिव हसन ने लोगों से भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए कहने वाले सोशल मीडिया पर विफल अभियान के संबंध में एक सवाल का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, "उस देश (भारत) के साथ अच्छे संबंध बनाए रखे बिना हमारा विकास संभव नहीं है, जिसके साथ हमारी तीन तरफ कई हजार किलोमीटर लंबी सीमा है।" महमूद ने कहा कि अपने पड़ोसी के साथ अच्छे संबंधों के बिना बांग्लादेश में शांति और स्थिरता बनाए रखना मुश्किल होगा।

हमें भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने होंगे'

यह व्यापक रूप से माना जाता है कि सोशल मीडिया पर भारतीय उत्पादों के बहिष्कार के अभियान को पूर्व प्रधान मंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) का समर्थन प्राप्त है, क्योंकि भारत ने 7 जनवरी को हुए चुनावों में हसीना की अवामी लीग को हराया था। महमूद ने इस अभियान के लिए सीधे तौर पर BNPको जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उन्होंने घरेलू बाजार में संकट पैदा करने और बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने के लिए इसे शुरू किया है।अभियान को "पूरी तरह से विफल" बताते हुए मंत्री ने कहा कि अगर BNPदोबारा ऐसा आह्वान करती है, तो पार्टी और अलग-थलग पड़ जाएगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "उनके प्रयास (भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान) विफल रहे।"

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