
Polio Cases Rise In Pakistan: प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाहकार, आयशा रजा फारूक ने बताया कि पोलियो के मामलों में वृद्धि के कारण यह अभियान इस साल तीसरी बार चलाया जा रहा है। यह अभियान रविवार तक जारी रहेगा। फारूक ने कहा, "हम इस बार पोलियो के खिलाफ और जोर-शोर से लड़ाई के लिए तैयार हैं।" टीकाकरण का कार्य पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए घर-घर जाकर किया जाएगा। इसके साथ ही, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन ए की खुराक भी दी जाएगी।
पोलियो के मामलों की बढ़ती संख्या
इस साल अब तक पाकिस्तान के 71 जिलों में पोलियो के 41 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से अधिकांश मामले दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान और दक्षिणी सिंध प्रांत से सामने आए हैं, जबकि खैबर पख्तूनख्वा और पूर्वी पंजाब प्रांत से भी मामले रिपोर्ट हुए हैं। प्रधानमंत्री शरीफ ने स्वास्थ्य कर्मियों से अपील की है कि वे घर-घर जाकर टीका लगाएं, ताकि कोई बच्चा वंचित न रहे।
पोलियो अभियान की चुनौतियाँ
पाकिस्तान में पोलियो के खिलाफ लड़ाई में कई चुनौतियाँ हैं। कुछ महीने पहले, खैबर पख्तूनवा के बाजौर जिले में पोलियो की दवा पिलाने गई एक टीम पर फायरिंग की गई, जिसमें एक अधिकारी की मौत हो गई। ऐसे कई गुट हैं जो पोलियो अभियान का विरोध कर रहे हैं, जिसके चलते यह बीमारी खत्म करने में कठिनाई हो रही है।
पाकिस्तान में कुछ लोग पोलियो की दवा को इस्लाम से जोड़कर देखते हैं और इसका विरोध करते हैं। कट्टरपंथियों का मानना है कि पोलियो की बूंदें इंसान को नपुंसक बना देती हैं और यह मुसलमानों की जनसंख्या कम करने की साजिश है।
सुरक्षा का संकट
पिछले 12 वर्षों में पोलियो अभियान से जुड़े 109 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। कई स्वास्थ्य कर्मियों का अपहरण भी हुआ है। अब तक, पाकिस्तान में पोलियो अभियान से जुड़े 284 लोगों की हत्या की जा चुकी है, जिसमें 166 पुलिसकर्मी और 87 स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं। इन हालात ने पोलियो के खिलाफ लड़ाई को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
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