ब्रह्मपुत्र का पानी रोक चीन देगा Pak का साथ? पाकिस्तान की धमकी पर असम CM का करारा जवाब

ब्रह्मपुत्र का पानी रोक चीन देगा Pak का साथ? पाकिस्तान की धमकी पर असम CM का करारा जवाब

Assam CM On Brahmaputra River: भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले ने दक्षिण एशिया में तनाव को और ज्यादा बढ़ा दिया है। इस फैसले के जवाब में पाकिस्तान ने हाल ही में एक नई रणनीति अपनाई है। पाकिस्तान ने दावा किया है कि चीन ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोककर भारत को सबक सिखा सकता है। इस दावे ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों, में जल सुरक्षा को लेकर चर्चा छेड़ दी है। जिस पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि ब्रह्मपुत्र नदी भारत में आत्मनिर्भर है और यह चीन के पानी पर निर्भर नहीं है।

पाकिस्तान की झूठी धमकी

पाकिस्तान ने भारत के सिंधु जल संधि निलंबन के बाद यह दावा किया कि चीन, जो उसका करीबी सहयोगी है, वो ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोक सकता है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि ब्रह्मपुत्र नदी भारत के लिए 30%ताजा पानी और 44%जलविद्युत क्षमता प्रदान करता है। ऐसे में अगर पानी रोक दिया जाता है तो भारत के लिए विनाशकारी होगा

मालूम हो कि यह दावा 25अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के कड़े रुख अपनाने ते बाद किए गए। जिसमें 26पर्यटकों की मौत हुई थी। जिसके बाद भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और जवाबी कार्रवाई के तौर पर सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया। इसके जवाब में, पाकिस्तान ने हाल ही में दावा किया कि चीन भारत के खिलाफ जल युद्ध शुरू कर सकता है। लेकिन असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा ने इन दावों को झूठी कल्पना करार देते हुए तथ्यों के साथ इसका खंडन किया

असम CM ने दिया करारा जवाब

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार 2जून को एक एक्स पोस्ट के जरुए कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी भारत में एक बारिश आधारित नदी है। जो मुख्य रूप से भारतीय क्षेत्र में अपनी जल मात्रा प्राप्त करती है। असम CM ने हाइड्रोलॉजिकल डेटा का हवाला देते हुए बताया कि भारत-चीन सीमा पर ब्रह्मपुत्र का प्रवाह 2,000से 3,000क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड है। जो असम में मानसून के दौरान 15,000से 20,000क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड तक बढ़ जाता है। इससे साबित होता है कि नदी का अधिकांश पानी चीन से नहीं भारतीय क्षेत्र में बारिश और सहायक नदियों से आता है।

असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा ने आगे कहा कि ब्रह्मपुत्र की जल मात्रा का केवल 7-30% हिस्सा चीन से आता है। यह भी मुख्य रूप से तिब्बत के रेन शैडो क्षेत्र से, जहां वर्षा न्यूनतम होती है। ऐसे में असम और अरुणाचल प्रदेश में 4,500 मिमी से अधिक की भारी बारिश नदी को स्वतंत्र बनाती है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि अगर चीन पानी रोकने की कोशिश करता है, तो यह असम में वार्षिक बाढ़ को कम कर सकता है। जो हर साल लाखों लोगों को विस्थापित करती है।

Leave a comment