लश्कर और अल-कायदा का अतीत, अब 2 जिहादी बने ट्रंप प्रशासन में व्हाइट हाउस के सलाहकार

लश्कर और अल-कायदा का अतीत, अब 2 जिहादी बने ट्रंप प्रशासन में व्हाइट हाउस के सलाहकार

America News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने व्हाइट हाउस के एडवाइजरी बोर्ड ऑफ ले लीडर्स में दो ऐसे व्यक्तियों को नियुक्त किया है, जिनके अतीत आपको चौंका देंगे। दोनों व्यक्तियों का नाम इस्माइल रॉयर और शेख हमजा यूसुफ हैं। जिनके संबंध जिहादी संगठन जैसे - लश्कर-ए-तैयबा और अल-कायदा जैसे आतंकी समूहों से रहे हैं। इनकी नियुक्ति ने भारत जैसे कई देशों को सुरक्षा चिंताओं में डाल दिया है।

कौन है इस्माइल रॉयर?

इस्माइल रॉयर को पहले रेंडेल टॉड रॉयर के नाम से जाना जाता था। उसमे साल 1992में इस्लाम धर्म अपनाया और मुस्लिम समुदायों के लिए वकालत शुरू की। लेकिन इसी के साथ उनका अतीत कई बड़े विवादों से भरा है। सूत्रों की मानें तो साल 2000में रॉयर ने कथित तौर पर पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया। जहां उन्होंने हथियारों और आतंकी गतिविधियों का प्रशिक्षण लिया। बताया जाता है कि रॉयर ने न केवल स्वयं प्रशिक्षण लिया। बल्कि अन्य अमेरिकी नागरिकों को भी इस शिविर में भेजा। साल 2003में अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने रॉयर को आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किया।

FBI की एक रिपोर्ट की मानें तो रॉयर अमेरिका के खिलाफ युद्ध की साजिश और अल-कायदा व लश्कर-ए-तैयबा को सामग्री सहायता प्रदान करना शामिल था। इसके बाद साल 2004में रॉयर ने हथियारों और विस्फोटकों के उपयोग में सहायता करने और बढ़ावा देने के आरोपों को स्वीकार किया। जिसके लिए उन्हें 20साल की सजा सुनाई गई। हालांकि, उन्होंने केवल 13साल जेल में बिताए और 2017में रिहा हो गए। वर्तमान में, रॉयर रिलीजियस फ्रीडम इंस्टीट्यूट में इस्लाम और धार्मिक स्वतंत्रता एक्शन टीम के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं और व्हाइट हाउस ने उनकी नियुक्ति को धार्मिक स्वतंत्रता और मुस्लिम समुदायों के प्रति उनके अनुभव के आधार पर उचित ठहराया है।

कौन है शेख हमजा यूसुफ?

शेख हमजा यूसुफ अमेरिका की पहली मान्यता प्राप्त मुस्लिम लिबरल आर्ट्स कॉलेज, जायतुना कॉलेज के सह-संस्थापक और बर्कले के ग्रेजुएट थियोलॉजिकल यूनियन में सेंटर फॉर इस्लामिक स्टडीज के सलाहकार हैं। यूसुफ पर भी जिहादी विचारधारा से जुड़े होने के आरोप लगे हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि जायतुना कॉलेज में शरिया कानून सिखाया जाता है और यूसुफ ने जिहाद की अवधारणा को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है। हालांकि, यूसुफ के खिलाफ रॉयर की तरह कोई ठोस सबूत या सजा नहीं हुई।

भारत के लिए चिंता का विषय

भारत के नजरिए से देखे तो इस्माइल रॉयर की नियुक्ति विशेष रूप से चिंताजनक है। क्योंकि उनका लश्कर-ए-तैयबा से सीधा संबंध रहा है, जो कश्मीर और भारत के अन्य हिस्सों में आतंकी हमलों के लिए कुख्यात है। रॉयर ने कथित तौर पर कश्मीर में भारतीय सैन्य ठिकानों पर गोलीबारी की थी। भारत, जो लश्कर-ए-तैयबा और इसके सरगना हाफिज सईद के खिलाफ लंबे समय से कार्रवाई की मांग करता रहा है, इस नियुक्ति को अमेरिकी प्रशासन के आतंकवाद विरोधी रुख में कमजोरी के रूप में देख सकता है।

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