
SCO Summit PM Modi In China: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंच चुके हैं। यह उनकी सात साल बाद चीन की पहली यात्रा है, जो 31 अगस्त से 01 सितंबर तक चलेगी। इस दौरान आज, 31 अगस्त को उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक होने वाली है, जिस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं। यह मुलाकात न केवल भारत-चीन संबंधों के लिए, बल्कि वैश्विक भू-राजनीति और आर्थिक स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
भारत-चीन संबंधों में नई शुरुआत
पीएम मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग की यह मुलाकात 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद तनावपूर्ण रहे भारत-चीन संबंधों में सुधार की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। पिछले साल अक्टूबर 2024 में रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक प्रगति देखी गई है। तो वहीं, हाल ही में दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसने सीमा विवाद को कम करने में मदद की।
इसके अलावा, दोनों देशों ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने, प्रत्यक्ष उड़ानों को बहाल करने और व्यापारिक बाधाओं को कम करने जैसे कदम उठाए हैं। पीएम मोदी ने जापान के अखबार योमिउरी शिम्बुन को दिए एक साक्षात्कार में कहा 'भारत और चीन के बीच स्थिर, अनुमानित और मैत्रीपूर्ण संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति व समृद्धि के लिए सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।'
SCO शिखर सम्मेलन का महत्व
बता दें, SCO शिखर सम्मेलन में भारत, चीन, रूस, ईरान, पाकिस्तान, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान सहित 10 सदस्य देशों के नेता हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी इस सम्मेलन में मौजूद हैं। यह सम्मेलन क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी सहयोग, व्यापार और ऊर्जा जैसे मुद्दों पर चर्चा का मंच प्रदान करता है। चीन इस बार इस सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।
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