पाकिस्तान में पानी के लिए मचा हाहाकार, चिनाब नदी के सूखने से फसलों पर मंडरा रहा खतरा

पाकिस्तान में पानी के लिए मचा हाहाकार, चिनाब नदी के सूखने से फसलों पर मंडरा रहा खतरा

Water Crisis In Pakistan: भारत से तनाव के बाद पाकिस्तान की हालत बद से बदतर हो गई है। पाकिस्तान के जल और विद्युत विकास प्राधिकरण (WAPDA) ने दावा किया कि पाकिस्तान पानी की कमी से जूझ रहा है। WAPDA ने बताया है कि कि भारत से आने वाली चिनाब नदी में पानी का प्रवाह दो दिनों में 91,000क्यूसेक कम हो गया। जिस वजह से नदी लगभग सूख गई है। नदी का पानी सूखने की वजह से कृषि संकट गहरा रहा है। चिनाब नदी के पानी पर निर्भर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के किसान फसलों की बुवाई को लेकर चिंतित हैं।

चिनाब नदी में पानी की कमी

पाकिस्तान के WAPDA की मानें तो चिनाब नदी में मराला हेडवर्क्स पर पानी का प्रवाह 29मई को 98,200क्यूसेक था। जो 1जून को घटकर 7,200क्यूसेक हो गया। बता दें,  यह नदी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की कृषि के लिए जरूरी है। जो ऊपरी चिनाब और बंबावाली-रावी-बेदियान (BRB) नहरों के माध्यम से बड़े पैमाने पर खेतों में पहुंचती है।

मालूम हो कि पहलगान हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधू जल संधि को निलंबित कर दिया था। इसके बाद भारत ने बागलीहार बांध पर फ्लशिंग ऑपरेशन शुरू किया। जिससे पानी का प्रवाह अचानक कम हुआ और फिर तेजी से बढ़ा। ऐसा करने से नदी के पानी की गुणवत्ता प्रभावित हुई। इससे न केवल सिंचाई नहरें प्रभावित हुईं, बल्कि गाद और मलबे के कारण नहरों में रुकावट की आशंका भी बढ़ गई।

पाकिस्तान की कृषि पर प्रभाव

बता दें, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान लगभग 24% है। लेकिन यह देश की आधी से ज्यादा आबादी को रोजगार देती है। वहीं, चिनाब नदी के पानी की कमी ने पंजाब प्रांत के किसानों के लिए गंभीर संकट पैदा कर दिया है। दूसरी तरफ, पाकिस्तान के किसानों का कहना है कि पानी की कमी से न केवल बुवाई प्रभावित होगी, बल्कि पहले से बोई गई फसलों को भी नुकसान पहुंचेगा।

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