रूस का सुपरसोनिक शस्त्र जो आसमान में मचाता है तबाही, दुश्मनों पर कहर बरपाएगा 'व्हाइट स्वॉन'

रूस का सुपरसोनिक शस्त्र जो आसमान में मचाता है तबाही, दुश्मनों पर कहर बरपाएगा 'व्हाइट स्वॉन'

Russian Bomber Weapon: 'व्हाइट स्वॉन' के नाम से मशहूर रूस का टुपोलेव टीयू-160 (Tupolev Tu-160) दुनिया के सबसे उन्नत और शक्तिशाली सुपरसोनिक स्ट्रैटेजिक बॉम्बर विमानों में से एक है। इस बॉम्बर विमान को NATO ने ब्लैकजैक' कोडनेम दिया है। लेकिन इस विमान की शानदार डिज़ाइन और सफेद रंग की वजह से इसे 'व्हाइट स्वॉन' कहा जाता है। यह विमान अपनी गति और ताकत के साथ आधुनिक युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए भी जाना जाता है।

रूस का टुपोलेव टीयू-160 उर्फ व्हाइट स्वॉन

बता दें, रूस के टुपोलेव टीयू-160 को सोवियत संघ ने शीत युद्ध के दौरान 1970 और 1980 के दशक में विकसित किया था। इसका उद्देश्य अमेरिका के बी-1 लैंसर बॉम्बर का मुकाबला करना था। इस विमान ने पहली बार 1981 में उड़ान भरी थी। जिसके बाद इसे 1987 में सोवियत वायुसेना में शामिल किया गया। जिसके बाद रूस ने इन विमानों को नवीनतम तकनीकों से लैस कर अपनी ताकत को और ज्यादा मजबूत किया है।

अब अगर व्हाइट स्वॉन की तकनीकी विशेषताओं की बात करें तो टीयू-160 मैक 2 (लगभग 2,400 किमी/घंटा) की गति से उड़ सकता है। जो इसे दुनिया के सबसे तेज स्ट्रैटेजिक बॉम्बर में से एक बनाता है। यह विमान बिना ईंधन के 12,000 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर सकता है। इसके अलावा टीयू-160 45,000 किलोग्राम तक के हथियार ले जा सकता है। टीयू-160 में अत्याधुनिक रडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, और स्टील्थ तकनीक का उपयोग किया गया है।

कैसे काम करता है 'व्हाइट स्वॉन'?

टीयू-160 एक स्ट्रैटेजिक बॉम्बर है, जिसे लंबी दूरी के हमलों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह विमान अपने लक्ष्य से हजारों किलोमीटर दूर रहकर क्रूज मिसाइलें दाग सकता है। किंझाल मिसाइलों के साथ यह विमान दुश्मन के जहाजों, ठिकानों, और रक्षा प्रणालियों को पलक झपकते नष्ट कर सकता है। टीयू-160 दुश्मन के संचार और रडार सिस्टम को जाम कर सकता है, जिससे उनकी रक्षा प्रणालियां बेकार हो जाती हैं।

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