SCO शिखर सम्मेलन से पहले मोदी-जेलेंस्की की बातचीत, यूक्रेन शांति प्रयासों में भारत ने दिया समर्थन का भरोसा

SCO शिखर सम्मेलन से पहले मोदी-जेलेंस्की की बातचीत, यूक्रेन शांति प्रयासों में भारत ने दिया समर्थन का भरोसा

PM Modi-Zelenskyy-Phone Call: 30 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। यह वार्ता शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से ठीक पहले हुई, जहां पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। इस बातचीत में रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान और क्षेत्रीय स्थिरता पर जोर दिया गया। पीएम मोदी ने भारत के दृढ़ रुख को दोहराते हुए कहा कि भारत यूक्रेन में शांति बहाली के हर संभव प्रयास का समर्थन करेगा।

जेलेंस्की-मीदी की बातचीत

दरअसल, यह बातचीत ऐसे समय में हुई जब पीएम मोदी चीन के तियानजिन में SCO शिखर सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे है। जेलेंस्की ने इस दौरान यूक्रेन में हाल के घटनाक्रमों, विशेष रूप से रूसी हमलों और नागरिकों पर इसके प्रभाव, पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को और सख्त करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि युद्ध के लिए रूस की वित्तीय क्षमता को कम किया जा सके। साथ ही, जेलेंस्की ने भारत के शांति प्रयासों की सराहना की और सितंबर 2025 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के दौरान पीएम मोदी से मुलाकात की इच्छा जताई।

दूसरी तरफ, PM मोदी ने इस बातचीत में भारत की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत न केवल शांति के पक्ष में है, बल्कि सक्रिय रूप से कूटनीति और संवाद के माध्यम से संघर्ष के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने युद्ध के मानवीय पहलुओं पर भी ध्यान देने की बात कही और मासूम नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। बता दें, PM मोदी ने यूक्रेन-रूस के मौजूदा घटनाक्रम के बारे में जानकारी देने के लिए जेलेंस्की का आभार जताया है। इसी के साथ आश्वासन बी दिया है कि शांति बहाली की दिशा में भारत हर संभव मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।

SCO शिखर सम्मेलन के चीन पहुंचे PM मोदी

मालूम हो कि PM नरेंद्र मोदी शनिवार को चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंच चुके हैं। यह उनकी सात साल बाद चीन की पहली यात्रा है, जो 31 अगस्त से 01 सितंबर तक चलेगी। इस दौरान आज, 31 अगस्त को उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक होने वाली है, जिस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं। यह मुलाकात न केवल भारत-चीन संबंधों के लिए, बल्कि वैश्विक भू-राजनीति और आर्थिक स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

SCO शिखर सम्मेलन का महत्व

बता दें, SCO शिखर सम्मेलन में भारत, चीन, रूस, ईरान, पाकिस्तान, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान सहित 10 सदस्य देशों के नेता हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी इस सम्मेलन में मौजूद हैं। यह सम्मेलन क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी सहयोग, व्यापार और ऊर्जा जैसे मुद्दों पर चर्चा का मंच प्रदान करता है। चीन इस बार इस सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।   

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