अंतरिक्ष से मिली कैंसर के इलाज की नई उम्मीद, जानें किस तरह मदद करेगा शुभांशु शुक्ला का स्टेम सेल प्रयोग?

अंतरिक्ष से मिली कैंसर के इलाज की नई उम्मीद, जानें किस तरह मदद करेगा शुभांशु शुक्ला का स्टेम सेल प्रयोग?

Shubhanshu Shukla's Stem Cell Experiment: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर Axiom-4 मिशन के तहत एख प्रयोग किया है। जो कैंसर के इलाज में काम आएगा। इस प्रयोग का नाम है स्टेम सेल, जो माइक्रोग्रैविटी (कम गुरुत्वाकर्षण) के प्रभावों का अध्ययन करता है, जो कैंसर के इलाज में नई संभावनाओं को उजागर कर सकता है।

स्टेम सेल और माइक्रोग्रैविटी

स्टेम सेल्स ऐसी कोशिकाएं हैं, जो शरीर के विभिन्न ऊतकों और अंगों में बदलने की क्षमता रखती हैं। ये कोशिकाएं चिकित्सा विज्ञान में पुनर्जनन (रेगनरेटिव) चिकित्सा और कैंसर जैसे रोगों के उपचार में अहम भूमिका निभा सकती हैं। धरती पर स्टेम सेल्स को प्रयोगशाला में विकसित करना चुनौतीपूर्ण होता है। क्योंकि गुरुत्वाकर्षण के कारण कोशिकाएं एकत्रित हो जाती हैं, जिससे उनकी गुणवत्ता और कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। 

अंतरिक्ष में माइक्रोग्रैविटी का वातावरण स्टेम सेल्स के व्यवहार को समझने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करता है। माइक्रोग्रैविटी में कोशिकाएं बिना गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव के स्वतंत्र रूप से बढ़ती हैं, जिससे उनकी वृद्धि तेज और गुणवत्ता बेहतर हो सकती है। शुभांशु शुक्ला ने ISS के किबो लैबोरेटरी में लाइफ साइंसेज ग्लवबॉक्स का उपयोग कर स्टेम सेल्स पर शोध किया। जिसमें यह देखा गया कि माइक्रोग्रैविटी में ये कोशिकाएं कैसे व्यवहार करती हैं और क्या इन्हें कैंसर के इलाज के लिए अनुकूलित किया जा सकता है।

शुभांशु के प्रयोग की प्रक्रिया और उद्देश्य

शुभांशु शुक्ला ने अपने प्रयोग में स्टेम सेल्स के साथ मांसपेशियों की कोशिकाओं (मायोजेनेसिस) पर भी अध्ययन किया। उनका मुख्य उद्देश्य यह समझना था कि माइक्रोग्रैविटी में स्टेम सेल्स की वृद्धि, विभेदन (डिफरेंशिएशन) और कार्यक्षमता पर क्या प्रभाव पड़ता है। इस प्रयोग में कुछ विशेष पोषक तत्वों (सप्लीमेंट्स) का उपयोग कर यह देखा गया कि क्या स्टेम सेल्स को कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है।

कैंसर के इलाज में संभावित योगदान

शुभांशु के स्टेम सेल प्रयोग का कैंसर के इलाज में कई तरह से योगदान हो सकता है। माइक्रोग्रैविटी में स्टेम सेल्स तेजी से और बेहतर गुणवत्ता के साथ विकसित होती हैं। यह उच्च गुणवत्ता वाली स्टेम सेल्स का उत्पादन संभव बना सकता है, जिन्हें कैंसर के इलाज में उपयोग किया जा सकता है, जैसे कि स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन में। ब्लड कैंसर (जैसे ल्यूकेमिया और लिम्फोमा) के इलाज में स्टेम सेल ट्रांसप्लांट पहले से ही प्रभावी साबित हुए हैंऔर अंतरिक्ष में विकसित कोशिकाएं इस प्रक्रिया को और बेहतर बना सकती हैं।

इसके अलावा प्रयोग में यह देखा गया कि क्या स्टेम सेल्स को विशेष पोषक तत्वों के साथ प्रोग्राम कर कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और नष्ट करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह दृष्टिकोण CAR-T सेल थेरेपी जैसी उन्नत तकनीकों को और प्रभावी बना सकता है, जिसमें मरीज की प्रतिरक्षा कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं पर हमला करने के लिए संशोधित किया जाता है।

Leave a comment