हिज्बुल्लाह के बाद हूती विद्रोहियों की बारी, कौन हैं ये…और क्या है उनका एजेंडा? जिन पर इजरायल ने बरसाए बम

हिज्बुल्लाह के बाद हूती विद्रोहियों की बारी, कौन हैं ये…और क्या है उनका एजेंडा? जिन पर इजरायल ने बरसाए बम

Who Are Houthi Rebels: इजरायल के हिज्बुल्लाह पर जारी हमलों के बीच अब यमन के हूती विद्रोही भी चर्चा का विषय बन गए हैं। इजरायल ने हाल ही में यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर बमबारी की,ये कदम इजरायल की रणनीतिक योजना का हिस्सा प्रतीत होता है।जिसका उद्देश्य क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाना और अपने प्रतिकूल तत्वों को कमजोर करना है।जिससे ये सवाल उठ रहे है कि ये विद्रोही कौन हैं और इजरायल की उनसे दुश्मनी क्यों है।

कौन हैं हूती विद्रोही?

हूती विद्रोही, जो शिया जैदी समुदाय से संबंधित हैं, 1990के दशक में यमन के पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह के खिलाफ भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के बाद में उभरे। इस समूह का नाम इसके संस्थापक हुसैल अल हूती के नाम पर रखा गया है। हूती विद्रोही यमन में अपनी सत्ता स्थापित करने में सफल रहे हैं, जहां वे कई क्षेत्रों पर नियंत्रण रखते हैं और यहां तक कि अपनी करेंसी भी जारी कर रखी हैं।

हूती विद्रोहियों की ताकत का एक बड़ा कारण उनकी बड़ी संख्या और अत्याधुनिक हथियारों का भंडार है। उनके समर्थकों की संख्या एक लाख से अधिक बताई जाती है, और उनके पास प्रशिक्षित लड़ाकों की एक मजबूत फौज है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं

पिछले वर्ष, हूती विद्रोहियों ने विभिन्न देशों के लगभग 27मालवाहक जहाजों पर ड्रोन और रॉकेट हमले किए, जिसमें भारतीय जहाज भी शामिल था। इन हमलों के जवाब में, अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हवाई हमले किए।

यमन में हौथी विद्रोहियों का बढ़ रहा है नियंत्रण

2014में, हूती विद्रोही राजनीतिक रूप से मजबूत हुए और सादा प्रांत पर कब्जा कर लिया। 2015में, उन्होंने यमन की राजधानी सना पर भी नियंत्रण प्राप्त कर लिया। इस दौरान, ईरान का समर्थन उन्हें और अधिक शक्तिशाली बनाता गया। राष्ट्रपति हादी को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा, जिससे हूती विद्रोहियों ने यमन के बड़े हिस्से पर अपना कब्जा जमा लिया।

इजरायल का रणनीतिक दृष्टिकोण

इजरायल का यह हमला हूती विद्रोहियों पर पहली बार नहीं हुआ है। दरअसल, हूती विद्रोही हमास और हिज्बुल्लाह के साथ मिलकर इजरायल, अमेरिका और पश्चिमी देशों के खिलाफ ईरान के नेतृत्व में काम कर रहे हैं। इनकी यहूदी विरोधी गतिविधियाँ इजरायल के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा बनी हुई हैं, खासकर तब जब हाल में हुए हमलों में इजरायल के जहाज को भी निशाना बनाया गया था।

इस तरह, इजरायल का हूती विद्रोहियों पर हमला एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, जो क्षेत्रीय स्थिरता को चुनौती देता है। यह न केवल यमन के लिए, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। आगे क्या होगा, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा, लेकिन इस तनाव ने पहले ही क्षेत्रीय राजनीतिक परिदृश्य को हिला दिया है।

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