
Mahsa Amini's Protest: 13 जून से शुरू हुए ईरान और इजरायल के बीच सैन्य तनाव अपने तनाव पर पहुंच चुके हैं। इस बीच, बुधवार 18 जून की देर रात ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान ब्रॉडकास्टिंग (IRIB) सहित कई न्यूज चैनलों पर अचानक 2022 के हिजाब विरोधी आंदोलन से जुड़े वीडियो प्रसारित होने लगे। इन वीडियो में महिलाएं अपने बाल काटती और हिजाब जलाती नजर आ रही है। लेकिन अब ये सवाल उठता है क्या इसके पीछे इजरायल का साइबर हमला था?
ईरान का साइबर हमले का दावा
दरअसल, 18 जून को ईरान के सरकारी टीवी चैनल IRIB सहित कई न्यूज चैनलों पर खबरों के बीच अचानक साल 2022 के विरोध प्रदर्शन से जुड़े कुछ वीडियो प्रसारित होने लगे। इन वीडियो में महिलाओं को हिजाब जलाते और बाल काटते हुए दिखाया गया। साथ ही ईरानी जनता से शासन के खिलाफ विद्रोह की अपील की गई।
वहीं, ईरानी अधिकारियों ने इस घटना को साइबर हमला करार दिया और इसके लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया। ईरान के सरकारी बयान में कहा गया कि यह हमला इजरायल की 'कायराना हरकत' और 'हताशा' का प्रतीक है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें साफ देखा जा सकता है कि पुरानी वीडियो का प्रसारण उस समय हुआ, जब IRIB पर सामान्य समाचार बुलेटिन चल रहा था।
क्या है पुरानी वीडियो से जुड़ा मामला?
मालूम हो कि यह पूरा मामला 2022 के महसा अमीनी आंदोलन से जुड़ा है। सितंबर 2022 में 22 वर्षीय कुर्द युवती महसा अमीनी को तेहरान में मोरल पुलिस ने हिजाब नियमों के उल्लंघन के आरोप में हिरासत में लिया था। हिरासत में उनकी रहस्यमयी मौत ने पूरे ईरान में आक्रोश फैला दिया। पुलिस ने दावा किया कि उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई थी। लेकिन प्रदर्शनकारियों और उनके परिवार ने इसका कड़ा विरोध किया, जिसके बाद ईरान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हुए। जिसके चलते महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर खूब नारेबाजी की, हिजाब जलाए और अपने बाल काटे।
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