चीन में लगा अमेरिका विरोधियों का जमावड़ा, सैन्य परेड में साथ दिखें पुतिन, पेजेश्कियन और किम जोंग समेत कई नेता

चीन में लगा अमेरिका विरोधियों का जमावड़ा, सैन्य परेड में साथ दिखें पुतिन, पेजेश्कियन और किम जोंग समेत कई नेता

China Military Parade: 03 सितंबर को चीन ने बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर पर द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के आत्मसमर्पण की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सैन्य परेड का आयोजन किया। इस आयोजन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन सहित 26 विदेशी नेताओं ने हिस्सा लिया, जिनमें से कई को अमेरिका और पश्चिमी देशों के विरोधी है। यह परेड न केवल चीन की सैन्य ताकत का प्रदर्शन थी, बल्कि वैश्विक मंच पर उसकी कूटनीतिक स्थिति को मजबूत करने का एक रणनीतिक कदम भी थी।

सैन्य परेड का भव्य आयोजन

बता दें, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने इस परेड में अपनी अत्याधुनिक सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन किया। लगभग 70 मिनट तक चली इस परेड में 40,000 सैनिकों, 45 सैन्य टुकड़ियों और सैकड़ों सैन्य वाहनों ने हिस्सा लिया। परेड में पहली बार कई नए हथियारों का प्रदर्शन किया गया, जिनमें हाइपरसोनिक मिसाइलें, अंडरसी ड्रोन्स, न्यूक्लियर-क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलें और उन्नत फाइटर जेट शामिल थे। चीनी सोशल मीडिया पर साझा की गई रिहर्सल तस्वीरों में दो नए प्रकार के मानव रहित अंडरसी ड्रोन्स भी दिखाए गए, जो गहरे समुद्र में निगरानी और पनडुब्बी-रोधी क्षमताओं को दर्शाते हैं।

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और सेना के प्रमुख राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने परेड का नेतृत्व किया। उन्होंने अपने भाषण में राष्ट्रीय एकता और सैन्य शक्ति पर जोर दिया। साथ ही, इसे द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के खिलाफ चीन की जीत के ऐतिहासिक महत्व से जोड़ा। शी ने इसे 'चीन के उदय' के बजाय 'चीन की वापसी' के रूप में प्रस्तुत किया, यह दर्शाते हुए कि देश अपनी ऐतिहासिक गौरव को पुनः प्राप्त कर रहा है।

अमेरिका के लिए चुनौती

परेड में शामिल विदेशी नेताओं की सूची ने वैश्विक ध्यान खींचा। रूस के व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरिया के किम जोंग-उन, और ईरान के मसूद पेजेश्कियन जैसे नेताओं की मौजूदगी ने इसे अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए एक मजबूत संदेश के रूप में प्रस्तुत किया। इन नेताओं को अक्सर पश्चिमी देशों के विरोधी के रूप में देखा जाता है और उनकी एक मंच पर उपस्थिति ने चीन के नेतृत्व में एक वैकल्पिक वैश्विक गठबंधन की छवि को मजबूत किया।

यह परेड ऐसे समय में हुई जब वैश्विक भू-राजनीति में तनाव चरम पर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में चल रहे टैरिफ युद्ध और यूक्रेन संकट के बीच, चीन ने इस आयोजन का उपयोग अपनी सैन्य और कूटनीतिक शक्ति को प्रदर्शित करने के लिए किया। परेड को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन के तुरंत बाद आयोजित किया गया।  

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