कल तक दे रहा था टैरिफ की धमकी, आज मांग रहा मदद; चीन के खिलाफ अमेरिका ने भारत से की अपील

कल तक दे रहा था टैरिफ की धमकी, आज मांग रहा मदद; चीन के खिलाफ अमेरिका ने भारत से की अपील

China vs America: दुनिया में इन दिनों नई राजनीतिक और आर्थिक ध्रुवीकरण की स्थिति बन रही है। अमेरिका, चीन के रेयर अर्थ मिनरल्स पर बढ़ते नियंत्रण से चिंतित है और चाहता है कि भारत और यूरोपीय देश उसके साथ मिलकर एकजुट मोर्चा बनाएं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि अमेरिका एक ओर भारत से सहयोग की अपेक्षा कर रहा है, और दूसरी ओर भारत पर 50%तक का टैरिफ भी लागू कर रहा है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने फॉक्स न्यूज से कहा कि "हमें भारत और यूरोप से समर्थन की उम्मीद है", लेकिन खुद भारत के खिलाफ पहले भी कई सख्त बयान दे चुके हैं।

"यह चीन बनाम वर्ल्ड है" - अमेरिका ने जताई वैश्विक समर्थन की उम्मीद

बेसेंट ने चीन को “कमांड एंड कंट्रोल इकोनॉमी” बताते हुए आरोप लगाया कि वह वैश्विक शांति के लिए खतरा है और युद्ध को फंडिंग कर रहा है। उन्होंने कहा, “यह चीन बनाम दुनिया है। हम इसे नहीं होने देंगे। हमें भारत, यूरोप और एशिया के लोकतंत्रों से समर्थन की उम्मीद है।” इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि अमेरिका अलगाव नहीं, बल्कि जोखिम में कमी चाहता है और अर्धचालक, फार्मा और खनिज क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

चीन का दबदबा बढ़ा, अमेरिका की चिंता गहराई

चीन ने हाल ही में रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात नियम और सख्त किए हैं। अमेरिका के रक्षा उद्योग में इन खनिजों की अहम भूमिका है — F-35जेट, ड्रोन, मिसाइल सिस्टम और पनडुब्बियों में इनका उपयोग होता है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, 70%से अधिक रेयर अर्थ मिनरल्स का आयात अमेरिका चीन से करता है, जिससे वाशिंगटन की चिंता बढ़ गई है।

भारत के पास भंडार तो है, पर क्षमता कम

भारत में 7.23 मिलियन टन दुर्लभ पृथ्वी ऑक्साइड का अनुमानित भंडार है, लेकिन परिष्करण क्षमता चीन से काफी पीछे है। भारत सरकार ने नेशनल क्रिटिकल माइनरल स्टॉकपाइल (NCMS) योजना के तहत 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं ताकि इन खनिजों की सप्लाई बाधित न हो। भारत के मोनाजाइट भंडार मुख्यतः आंध्र प्रदेश, ओडिशा, केरल, तमिलनाडु जैसे राज्यों में पाए जाते हैं। ऐसे में अमेरिका को सहयोग चाहिए तो भारत की क्षमताओं को सशक्त बनाने में साथ भी देना होगा, न कि टैरिफ से दबाव बनाना।

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