फ्रांस में एक बार फिर सड़कों पर उतरें लाखों लोग, 200 शहरों में हड़ताल; एफिल टावर पर लगा ताला

फ्रांस में एक बार फिर सड़कों पर उतरें लाखों लोग, 200 शहरों में हड़ताल; एफिल टावर पर लगा ताला

Erance Spending Cuts Protest: अमेरिका में सरकारी फंडिंग पर विवाद के बीच फ्रांस भी आर्थिक तनाव का शिकार हो गया है। यहां प्रमुख ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल की वजह से पूरा देश ठप हो गया है। स्पेंडिंग कट्स (व्यय में कटौती) के खिलाफ 200 से अधिक शहरों और कस्बों में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। जिसके कारण पेरिस में एफिल टावर भी बंद हो गया।

फ्रांस में बजट कट्स के लिए हड़ताल

बता दें, फ्रांस में यह हड़ताल 02 अक्टूबर को शुरू हुई, जब देश की आठ प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने 'सोशल जस्टिस' के नाम पर एकजुट होकर कार्रवाई की। इसका मुख्य निशाना है प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू की अंतरिम सरकार द्वारा प्रस्तावित कठोर बचत उपाय। पूर्व प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरौ के कार्यकाल में तैयार 2026 के बजट में 44 अरब यूरो (लगभग 52 अरब डॉलर) की कटौती का प्लान है, जिसमें स्थानीय सरकारों, स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक कल्याण पर ब्रेक लगाने की बात है। जिसे यूनियनें ने कुशासन बताया, जो पहले से ही महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही जनता पर बोझ डालेगा।

लेकिन यह पहली बार नहीं है, जब फ्रांस में इस तरीके की हड़ताल हो रही है। सितंबर से ही तीन दौर की कार्रवाइयां हो चुकी हैं, जो राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की सरकार की लोकप्रियता पर सवाल उठा रही हैं। यूनियन नेता सोफी बिनेट ने कहा 'यह पहली बार है जब बिना सरकार या बजट के एक महीने में तीन हड़तालें हो रही हैं।' वहीं,  प्रदर्शनकारियों की मांगें एकदम स्पष्ट हैं - अमीरों पर ज्यादा टैक्स, पेंशन में वृद्धि रद्द न करना और सार्वजनिक सेवाओं पर खर्च बढ़ाना।

200 शहरों में लाखों की भागीदारी

फ्रांसीसी गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 02 अक्टूबर को पूरे देश में कम से कम 1,95,000 लोग सड़कों पर उतरे। पेरिस में प्लेस डी'इटली से शुरू हुई मार्च में 24,000 से ज्यादा वर्कर्स, रिटायर्स और स्टूडेंट्स शामिल हुए। इसके अलावा ब्रेस्ट, नैंटेस और लियोन में भी भारी भीड़ देखी गई। नैंटेस में प्रदर्शनकारियों ने 'यूनिवर्सिटी के लिए पैसा, आर्मी के लिए नहीं' का बैनर लहराया। इसका असर स्कूलों पर देखने को मिला, क्योंकि शिक्षा क्षेत्र में 27% स्टाफ भी हड़ताल में शामिल था।

स्वास्थ्य केंद्रों, सिविल सर्विसेज और ट्रांसपोर्ट में भी व्यवधान पड़ा, जिससे रेल और हवाई सेवाओं में देरी हुई। गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलो ने 76,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया, लेकिन प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे। वहीं, एफिल टावर का बंद होना इस हड़ताल का सबसे चर्चित प्रतीक बन गया। टावर के ऑपरेटिंग कंपनी ने स्टेटमेंट जारी कर कहा 'हड़ताल के कारण आज टावर बंद रहेगा, हम माफी मांगते हैं।'

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