नेपाल में मूसलाधार बारिश ने मचाई तबाही, भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आने से 40 की मौत, कई यात्री फंसे

नेपाल में मूसलाधार बारिश  ने मचाई तबाही, भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आने से 40 की मौत, कई यात्री फंसे

Nepal Flood: नेपाल में पिछले 36 घंटों से मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा रखी है। इसके चलते देशभर में बाढ़ और भूस्खलन का कहर बढ़ गया है। अचानक आई इन आपदाओं के कारण सड़कों को बंद कर दिया गया है। यहां तक कि कई पुल बह गए हैं और अब तक 40 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, कई लोग अभी भी लापता हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

नेपाल पुलिस के प्रवक्ता बिनोद घिमिरे ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न जगहों पर हुई भूस्खलन की घटनाओं के कारण कई लोगों की मौत हुई है। वहीं, दक्षिण नेपाल में बिजली गिरने से 3 लोगों की मौत हो गई, और उदयपुर जिले में आई बाढ़ के कारण एक व्यक्ति की जान चली गई।

रेस्क्यू टीमों की जांच जारी

नेपाल में आपदा की जानकारी देते हुए NDRRMA (आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) की प्रवक्ता शांति महत ने बताया कि अब तक कुल 11 लोग बाढ़ में बह चुके हैं, जिनकी तलाश के लिए रेस्क्यू टीमें लगातार जुटी हुई हैं। इस मामले पर उन्होंने कहा, "राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है, लेकिन खराब मौसम के कारण कई इलाकों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है।"

भूस्खलन और बाढ़ से यातायात पर असर

नेपाल में लगातार बारिश के चलते कई राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन हुआ है, जिससे सड़कों को बंद करना पड़ा है। कई पुल भी तेज बहाव में बह गए हैं, जिसकी वजह से सैकड़ों लोग रास्ते में फंस गए हैं। प्रशासन ने सेना और स्थानीय राहत टीमों की मदद से यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का अभियान शुरू किया है। काठमांडू एयरपोर्ट के प्रवक्ता रिंजी शेरपा के मुताबिक, खराब मौसम के कारण घरेलू उड़ानों पर असर पड़ा है, हालांकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें सामान्य रूप से जारी हैं।

कोसी नदी का खतरा और अलर्ट

दक्षिण-पूर्वी नेपाल में बहने वाली कोसी नदी, जो अक्सर बिहार में बाढ़ की वजह बनती है, इस समय खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके चलते निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और सरकार ने प्रभावित जिलों में आपात तैयारी शुरू कर दी है। लोगों से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाने की अपील की गई है। मानसून सीज़न के दौरान अब तक नेपाल में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और कई अब भी लापता हैं।

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