
PM Modi- Xi Jinping Bilateral Meeting: रूस के कजान शहर में ब्रिक्स समिट का आज दूसरा दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आज सम्मेलन के दौरान अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक की। यह बैठक पिछले 5 वर्षों में दोनों नेताओं के बीच पहली औपचारिक मुलाकात थी। बैठक लगभग 50 मिनट तक चली और इस दौरान भारत और चीन ने देपसांग मैदानी क्षेत्र और डेमचोक क्षेत्र में गश्त करने के अधिकार बहाल करने पर सहमति जताई। यह कदम पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी संघर्ष को सुलझाने के प्रयासों को दर्शाता है।
वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए हमारी बैठक अहम –PM मोदी
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए हमारी बैठक अहम है। सीमा पर सहमति का स्वागत है। मुझे विश्वास है कि हम खुले मन से बातचीत करेंगे और हमारी चर्चा कंस्ट्रक्टिव होगी।" उनके इस बयान ने द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की एक सकारात्मक दिशा दिखाई।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी इस बैठक के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "कजान में आपसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई। यह हमारी पांच साल में पहली औपचारिक मुलाकात है। हमारे दोनों देशों के लोग और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस बैठक पर ध्यान दे रहे हैं। चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यताएं हैं और ग्लोबल साउथ के महत्वपूर्ण सदस्य हैं।"
इससे पहले कब हुई थी आखिरी मुलाकात?
दोनों नेताओं की आखिरी मुलाकात अक्टूबर 2019 में महाबलिपुरम में हुई थी, जो पूर्वी लद्दाख में चीनी घुसपैठ के कुछ महीने पहले हुई थी। इसके बाद, LAC पर सैन्य गतिरोध उत्पन्न हुआ। हालांकि, बाली (2022) और जोहान्सबर्ग (2023) में कुछ संक्षिप्त बैठकें हुईं, लेकिन 23 अक्टूबर 2024 की बैठक को पहली उचित द्विपक्षीय बैठक माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि PMमोदी और शी जिनपिंग की यह बैठक चार वर्षों से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता है। यह संबंधों में सुधार और आपसी समझ को बढ़ावा देने का एक सकारात्मक संकेत है।
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