अब दुनिया भर में बेनकाब होगा चीन, अमेरिका में 'चीन विरोधी' बिल पास

अब दुनिया भर में बेनकाब होगा चीन, अमेरिका में 'चीन विरोधी' बिल पास

'Anti-China' Bill: अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने तीन विधेयकों को भारी बहुमत से पारित कर दिया है। अमेरिका अब चीन को कई मामलों में घेरने की तैयारी में है। इनके जरिए 'सुपरपावर' अमेरिका हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव पर अंकुश लगा सकेगा और चीन में अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज भी उठा सकेगा। आइए जानते हैं क्या हैं अमेरिका के ये 3 बिल और ये कैसे अमेरिका को चीन के खिलाफ सशक्त बनाते हैं।

मानवाधिकार उल्लंघन पर बेनकाब होगा चीन

गुरुवार, 15 फरवरी को अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन ने उइघुर नीति अधिनियम 2023 पारित कर दिया। इस अधिनियम के माध्यम से, अमेरिका चीन में जातीय अल्पसंख्यकों के समर्थन के लिए ठोस कदम उठा सकेगा। दरअसल, चीन पर आरोप है कि प्रशासन वहां रहने वाले उइगर मुसलमानों समेत कई जातीय अल्पसंख्यकों पर अत्याचार कर रहा है। शिनजियांग प्रांत में उइगर समुदाय के लोगों को जबरन यातना शिविरों में कैद किया जा रहा है। हालाँकि, चीन इन सभी आरोपों को ख़ारिज करता है।

'तिब्बती लोगों के अधिकारों को दी जाएगीमान्यता'

तिब्बत और चीन के बीच दशकों से विवाद चल रहा है। चीन का दावा है कि तिब्बत प्राचीन काल से उसका हिस्सा रहा है। अमेरिका के निचले सदन में गुरुवार को पारित विधेयक इस दावे को खारिज करता है। तिब्बत से संबंधित विधेयक को रिज़ॉल्व तिब्बत एक्ट के नाम से जाना जाता है। इसका उद्देश्य तिब्बती लोगों के लोकतांत्रिक रूप से चुने गए नेताओं के साथ बातचीत फिर से शुरू करने के लिए चीनी सरकार पर दबाव डालना है।

कांग्रेसी जिम मैकगवर्न और माइकल मैककॉल ने सदन में रिज़ॉल्व तिब्बत एक्ट पेश किया। मैकगवर्न ने कहा था कि इस बिल के समर्थन में मतदान तिब्बती लोगों के अधिकारों को मान्यता देने के लिए मतदान होगा। इसका उद्देश्य तिब्बत और चीन के बीच विवाद को बिना किसी पूर्व शर्त के और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार शांतिपूर्ण ढंग से हल करने की आवश्यकता पर जोर देना है।

हिंद प्रशांत महासागर में चीन के लिए चुनौती बनेगा क्वाड ग्रुप

अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान का क्वाड समूह हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन के प्रभुत्व को चुनौती देता रहा है। गुरुवार को एक विधेयक भी पारित किया गया जिससे इस समूह की क्षमताओं में और सुधार होगा। 'मजबूत अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया-भारत-जापान सहयोग' विधेयक में बिडेन प्रशासन से एक 'अंतर-संसदीय कार्य समूह' बनाने के लिए कहा गया है, जिससे क्वाड देशों के बीच काम का बेहतर समन्वय हो सकेगा। इससे उस समुद्री क्षेत्र में बेहतर कार्रवाई की जा सकेगी जहां चीन खतरा बनकर उभरा है।

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