Israel Hamas War: इजराइल हमास की आंच हिंद महासागर तक पहुंची, जानें भारत के लिए क्यों है ये चिंता वाली बात

Israel Hamas War: इजराइल हमास की आंच हिंद महासागर तक पहुंची, जानें भारत के लिए क्यों है ये चिंता वाली बात

Israel Hamas War: इजराइल और हमास के बीच चल रही जंग लगातार बढ़ती जा रही है और इसका असर यह है कि इसकी आंच अब समुद्र तक फैल गई है। समुद्र अब कई देशों के लिए नया युद्धक्षेत्र बन गया है। दरअसल, यमन के ईरान समर्थक हूती विद्रोहियों ने खुलेआम हमास का समर्थन किया है और समुद्र में उन जहाजों को निशाना बना रहे हैं जो या तो इजराइल जा रहे हैं या जिनका इजराइल से किसी तरह का संबंध है। जहाजों पर बढ़ते हमलों से वैश्विक समुदाय की टेंशन बढ़ गई है।

निशाने पर लाल सागर के जहाज़

इजराइल और हमास के बीच युद्ध 7 अक्टूबर को शुरू हुआ जब हमास ने इजराइल में घुसकर सैकड़ों लोगों की हत्या कर दी और 200 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया। इसके बाद इजराइल ने हमास के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी जो अभी भी जारी है। इजराइल गाजा पट्टी और फिलिस्तीन पर लगातार हमले कर रहा है और इजराइल के इन हमलों का हूती विद्रोही लगातार विरोध कर रहे हैं।

हूती विद्रोहियों ने हाल ही में लाल सागर से गुजरने वाले कई जहाजों को निशाना बनाया है और उन पर या तो ड्रोन से हमला किया है या उन्हें लूट लिया है। इन विद्रोहियों ने इजरायल से किसी भी तरह के संबंध रखने वाले किसी भी जहाज पर हमला करने की धमकी दी है। पिछले एक महीने के अंदर हूती विद्रोहियों ने एक दर्जन से ज्यादा बार व्यावसायिक जहाजों को निशाना बनाया है।

हूती विद्रोहियों ने हाल ही में लाल सागर से गुजरने वाले कई जहाजों को निशाना बनाया है और उन पर या तो ड्रोन से हमला किया है या उन्हें लूट लिया है। इन विद्रोहियों ने इजरायल से किसी भी तरह के संबंध रखने वाले किसी भी जहाज पर हमला करने की धमकी दी है। पिछले एक महीने के अंदर हूती विद्रोहियों ने एक दर्जन से ज्यादा बार व्यावसायिक जहाजों को निशाना बनाया है।

भारत के लिए क्यों है चिंता वाली बात?

हूती विद्रोही जिस समुद्री रास्ते पर हमला कर रहे हैं, वहां से ज्यादातर कच्चे तेल और अन्य जरूरी उत्पादों की आपूर्ति होती है। अगर हूती विद्रोहियों की ये हरकत जारी रही तो आने वाले दिनों में न सिर्फ तेल की कीमतें बढ़ेंगी बल्कि जरूरी सामानों की कीमतें भी बढ़ जाएंगी। इन हमलों से भारत भी चिंतित है क्योंकि इससे कारोबार पर असर पड़ रहा है।

19 दिसंबर को ही पीएम मोदी ने इस संबंध में इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से बात की थी और इस दौरान दोनों नेताओं ने समुद्री यातायात की सुरक्षा को लेकर चिंताएं साझा की थीं। कहा जा रहा है कि बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने माना है कि हमले रोकना वैश्विक अर्थव्यवस्था और कारोबार दोनों के हित में है।

वैश्विक व्यापार कैसे प्रभावित हो रहा है?

हूती विद्रोहियों की इस हरकत से समुद्री रास्ते से होने वाला अंतरराष्ट्रीय व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। लाल सागर विश्व का प्रमुख व्यापार मार्ग है जहाँ से न केवल पश्चिम एशिया बल्कि अरब, यूरोप, अफ़्रीका और भारत का भी व्यापार होता है। इस मार्ग पर हूती के हमले से वैश्विक आपूर्ति बाधित होने का खतरा है और इसका असर भी दिख रहा है।

दुनिया की बड़ी मालवाहक कंपनियां अब अपने मालवाहक जहाज लाल सागर के रास्ते नहीं बल्कि लंबे रास्तों से भेज रही हैं, जिससे लागत बढ़ गई है। क्योंकि अर्थशास्त्र का नियम है कि अगर लागत बढ़ेगी तो उसका असर आज नहीं तो कल अर्थव्यवस्था पर दिखेगा ही। वोटिंग का सीधा असर आम लोगों की जेब तक पहुंचेगा।

हूती विद्रोहियों ने लाल सागर को क्यों चुना?

सवाल यह भी उठ रहा है कि हूती विद्रोहियों ने लाल सागर को क्यों चुना? तो जानिए इसका जवाब- दुनिया का 12 प्रतिशत व्यापार लाल सागर के जरिए होता है और हर साल 10 अरब डॉलर से ज्यादा का सामान इसी रास्ते से निर्यात और आयात किया जाता है। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में लाल सागर कितना महत्वपूर्ण है।

वहीं हूती विद्रोही भी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं और इसीलिए उन्होंने हमले के लिए समुद्र को चुना है ताकि वैश्विक दुनिया के जरिए इजरायल पर हमास के खिलाफ युद्ध खत्म करने का दबाव बनाया जा सके।

अमेरिका ने 20 देशों के साथ बनाया गठबंधन

लाल सागर दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि अमेरिका ने लाल सागर में जहाजों को हमलों से बचाने में मदद करने के उद्देश्य से 20 देशों को शामिल करते हुए एक नौसैनिक गठबंधन की घोषणा की है। इस गठबंधन में शामिल देश जहाजों की सुरक्षा के लिए सहयोग करेंगे। कोई भी ऑपरेशन मौजूदा नौसैनिक समझौतों के तहत होगा।

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