
नई दिल्ली: 5 अप्रैल को इजरायली सेना और फिलीस्तीन के बीच झड़प के बाद,आतंकवादी समूह हमास ने भी इजरायल पर कई हमले किए। इसके जवाब में इजरायली सेना से हमले का जवाब देते हुए, दक्षिणी लेबनान में फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाया और शुक्रवार (7 अप्रैल) को हवाई हमले किए है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को देश पर किए गए रॉकेट हमलों को लेकर कड़ा रुख अख्तियार किया है। उन्होंने तल्ख लहजे के साथ दुश्मनों को चेतावनी दी कि उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।
इजरायल पर किए 34 रॉकेट हमले
आपको बता दें कि, इजरायली हवाई हमले लेबनान से रॉकेट हमलों के जवाब में हुए हैजिसके लिए इजरायली अधिकारियों ने इस्लामवादी समूह हमास को दोषी ठहराया। वहीं गाजा पट्टी में गुरुवार (6 अप्रैल) को भी हमले हुए थे। इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने एक वीडियो बयान में अपने देश के दुश्मनों से आक्रामक बदला लेने का वादा किया। इस बयान के कुछ घंटों बाद ही इजरायल ने गाजा के अलग-अलग हिस्सों में जबरदस्त विस्फोट हुए।
इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा कि लेबनान से इजरायल में 34 रॉकेट लॉन्च किए गए थे, जो कि 2006 के युद्ध के बाद से दोनों देशों के बीच सबसे बड़ा हमला था, जिसमें लगभग 1,200 लेबनानी लोग और 165 इजरायली मारे गए थे।
क्यों शुरू हुआ ये संघर्ष?
हिंसा का मौजूदा दौर बुधवार को तब शुरू हुआ जब इस्राइली पुलिस ने यरूशलम की अल-अक्सा मस्जिद पर दो बार छापा मारा। मस्जिद में पहली घटना एक दिन बाद हुई जब इजरायली पुलिस ने फिलिस्तीनियों को जमकर पीटा और कब्जे वाले वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में मंगलवार को 400 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया।
पूरें विवाद के बीच में जेरूसलम की अल-अक्सा मस्जिद है जो मुसलमानों और यहूदियों दोनों के लिए पवित्र है। इज़राइली अधिकारी साइट तक पहुंच को नियंत्रित करते हैं, लेकिन परिसर इस्लामी और जॉर्डन के अधिकारियों द्वारा प्रशासित किया जाता है। इजरायल की ओर से प्रारंभिक पुलिस कार्रवाई की रिपोर्ट आने के बाद, गाजा पट्टी के साथ-साथ लेबनान से भी इजरायल को निशाना बनाते हुए रॉकेट दागे गए। इसे अल-अक्सा मस्जिद में मुस्लिम उपासकों के खिलाफ लाठीचार्ज की सीधी प्रतिक्रिया के रूप में देखा गया। हालाँकि, परेशानी यहीं खत्म नहीं हुई।
एसोसिएटेड प्रेस ने बताया कि शुक्रवार को मस्जिद परिसर के अंदर और हिंसा भड़क उठी। शुक्रवार को सुबह की प्रार्थना से पहले, इजरायली पुलिस बलों ने कथित तौर पर फिलिस्तीनी उपासकों पर लाठीचार्ज किया, जिन्होंने हमास की प्रशंसा करते हुए नारे लगाए, क्योंकि उन्होंने साइट में घुसने की कोशिश की थी। इज़राइल के अनुसार, "नकाबपोश संदिग्धों" द्वारा एक गेट पर अधिकारियों पर पत्थर फेंकने के बाद पुलिस को कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
बाद में, प्रार्थना छोड़ने वाले लोगों ने चूना पत्थर के प्रांगण में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया और हमास के रॉकेट हमलों का स्वागत किया। इस्राइल पुलिस ने एक बार फिर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
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