सिंधु जल संधि पर भारत की चेतावनी से निकली पाकिस्तान की हेकड़ी, कही ये बात

सिंधु जल संधि पर भारत की चेतावनी से निकली पाकिस्तान की हेकड़ी, कही ये बात

INDUS WATER TREATY: इस साल की शुरुआत में भारत सरकार ने पाकिस्तान कोसिंधु जल संधि को नोटिस भेजा था। नोटिस के अनुसार, भारत सरकार ने पाकिस्तान को जल संधि को लेकर अपना स्टैंड क्लियर करने को कहा था। विदेश मंत्रालय (MEA) ने आज कहा कि उसे दो महीने पहले भेजे गए अपने नोटिस पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया मिली, जिसमें पार के प्रबंधन के लिए 62साल पुरानी सिंधु जल संधि (IWT) की समीक्षा और संशोधन की मांग की गई थी।

आपको बता दें कि,62 साल के इतिहास में यह पहली बार था, जब भारत ने सिंधु जल समझौते में संशोधन की मांग की थी। नोटिस जारी होने के लगभग चार महीने बाद पाकिस्तान की ओर से इस पर प्रतिक्रिया आई है।भारत सरकार ने यह नोटिस जनवरी 2023 में पाकिस्तान को दिया था। भारत ने यह नोटिस पाकिस्तान की ओर से की गई एकतरफा कार्रवाई और सिंधु जल संधि के अनुच्छेद IX के उल्लंघन के तहत सर्व किया था। नोटिस रिसीव करने के तीन महीने के भीतर पाकिस्तान इस पर आपत्ति दर्ज करा सकता था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने 3 अप्रैल को पाकिस्तान के सिंधु जल आयुक्त द्वारा अपने भारतीय समकक्ष को लिखे गए पत्र को आगे बढ़ाया।सिंधु जल के आयुक्तअरिंदम बागची ने एक मीडिया ब्रीफिंग में बतायाकि,“अनुच्छेद 12 के प्रावधानों के तहत, सिंधु जल संधि में संशोधन के बारे में हमने 25 जनवरी को पाकिस्तान को जो नोटिस दिया था, उसके जवाब में, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने 3 अप्रैल को हमें एक पत्र भेजा, जिसमें हमारे सिंधु जल आयुक्त की प्रतिक्रिया थी।“उन्होंने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “हम पत्र की जांच कर रहे हैं। हम अपने हितधारकों के साथ परामर्श करेंगे।”

भारत ने पाकिस्तान क्यों भेजा था नोटिस

सिंधु जल समझौते के तहत सिंधु घाटी की पूर्वी नदियों पर भारत का अधिकार क्षेत्र है। जबकि पश्चिमी नदियों पर पाकिस्तान का अधिकार है। लेकिन कुछ शर्तों के साथ भारत को पश्चिमी नदियों पर रन ऑफ द रिवर परियोजना के माध्यम से पनबिजली उत्पन्न करने का अधिकार दिया गया है। लेकिन पाकिस्तान इस पर आपत्ति जताता है। पाकिस्तान ने इन आपत्तियों की जांच के लिए 2015 में तटस्थ विशेषज्ञ की नियुक्ति की मांग की थी।

लेकिन 2016 में पाकिस्तान ने अचानक इस मांग को वापस लेते हुए एक मध्यस्थ अदालत की मांग कर दी। पाकिस्तान की ओर से की गई इस तरह की एकतरफा कार्रवाई अनुच्छेद IX का उल्लंघन है। भारत ने इसे ही आधार बनाते हुए पाकिस्तान को नोटिस जारी करते हुए इस समझौते में संशोधन की मांग की है।

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