Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया है। इस हमले में 26लोगों की जान चली गई थी, जबकि कई अन्य घायल हुए थे। आम जनता से लेकर राजनीतिक दलों तक, सभी पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। देशभर में आवाज उठ रही है कि अब वक्त आ गया है जब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को भारत में वापस लाया जाए।
बता दें कि,भारत की ओर से लिए गए सख्त फैसलों से पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है। इसी के चलते पीओके में स्थानीय प्रशासन ने बॉर्डर से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों को दो महीने के लिए राशन और जरूरी सामान इकट्ठा करने के निर्देश दिए हैं। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, पीओके के प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक ने विधानसभा में बताया कि 13निर्वाचन क्षेत्रों में खाद्यान्न आपूर्ति का अग्रिम भंडारण किया जा रहा है।
एक अरब रुपये का आपातकालीन कोष तैयार
सरकार ने इन संवेदनशील इलाकों में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए एक अरब रुपये का आपातकालीन कोष भी तैयार किया है। साथ ही, नियंत्रण रेखा (LoC) से लगे क्षेत्रों में सड़कों के रखरखाव के लिए सरकारी और निजी मशीनें लगाई गई हैं, जिससे किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
धार्मिक स्कूलों को बंद करने का आदेश
भारत की सख्ती से डरे पाकिस्तान ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पीओके में 1000से ज्यादा धार्मिक स्कूलों को 10दिनों के लिए बंद करने का फैसला लिया है। यह कदम 1मई 2025को उठाया गया। इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने दावा किया था कि उन्हें ऐसे पुख्ता सुराग मिले हैं कि भारत कोई बड़ी सैन्य कार्रवाई की तैयारी में है।
भारत ने लिया आतंक के खिलाफ सख्त रुख
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने यह साफ कर दिया है कि अब सिर्फ आतंकियों को ही नहीं, बल्कि उन्हें पनाह देने वालों को भी जवाब दिया जाएगा। भारत का रुख इस बार बेहद स्पष्ट और निर्णायक नजर आ रहा है। देश एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार के साथ खड़ा है।
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